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जीवित्पुत्रिका व्रत कथा

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा और महत्व – जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों रखा जाता है

अश्विन शुक्ला अष्टमी को जीवित्पुत्रिका व्रत होता है। इस व्रत को जीतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत वही स्त्रियाँ करती है, जो पुत्रवती है, क्योंकि इसका फल यह बतलायां गया है कि जीवित्पुत्रिका व्रत का करने वाली स्त्रियों को पुत्र-शोक नहीं होता। स्त्रियों मे इस व्रत का अच्छा प्रचार और आदर है। वे इस व्रत को निर्जला रहकर करती है। दिन-रात के उपवास के बाद दूसरे दिन पारण किया जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत के सम्बन्ध मे जो कथा प्रचलित है, वह इस इस प्रकार है: —

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा

प्राचीन काल में जीमूतवाहन नाम के एक बड़े धर्मात्मा और दयालु राजा हुए है। एक बार वे पर्वत-विहार के लिये गये हुये थे। संयोग-वश उसी पहाड़ पर सलयवती नाम की एक राजकन्या देव-पूजा के लिये गई हुईं थी। दोनों ने एक दूसरे को देखा। राजकन्या के पिता और भाई इस कन्या का विवाह उसी राजा से करना चाहते थे। राजकन्या का भाई भी उस समय पर्वत पर आया हुआ था। उसने दोनो का परस्पर दर्शन देख लिया। फिर राजकुमारी वहाँ से चली गयी।

जीमूतवाहन ने पर्वत पर भ्रमण करते-करते किसी के रोने की आवाज़ सुनी। पता लगाया तो ज्ञात हुआ कि शंखचूण सर्प की माता इसलिये रो रही है कि उसका इकलौता पुत्र आज गरुड़ के आहार के लिये जा रहा है।

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा
जीवित्पुत्रिका व्रत कथा

गरुड़ के आहार के लिये जो स्थान नियत था, उस दिन राजा वहाँ जाकर स्वयं साँप की भाँति लौट गया। गरुड़ ने आकर जीमूतवाहन पर चोंच मारी। राजा चुपचाप पड़े रहे। गरुड़ को आश्चर्य हुआ। वह साचने लगा कि आखिर यह है कौन है ?।

राजा ने कहा— आपने भोजन क्‍यों बन्द कर दियागरुड़ ने पहचानकर पश्चात्ताप किया। मन में सोचा कि एक यह है जो दूसरे का प्राण बचाने के लिये अपनी जान दे रहा है और एक में हूँ जो अपनी भूख बुझाने के लिये दूसरे का प्राण ले रहा हूँ। इस अनुताप के बाद गरुड़ ने राजा से वर माँगने को कहा। राजा ने कहा—में यही चाहता हूँ कि आज तक आपने जितने साँप मारे हैं, सब को फिर से जिला दीजिये और अब से सर्प न मारने की प्रतिज्ञा कीजिये। गरुण बाले–“एवमस्तु।

इसी बीच राजकुमारी के पिता जीमूतवाहन को ढूंढ़ते हुए वहाँ पहुँचे। उस दिन आश्विन शुक्ला अष्टमी थी ओर उन्हे ले जाकर उनके साथ राजा ने अपनी कन्या का विवाह कर दिया। इसी घटना के उपलक्ष मे स्त्रियाँ जीवित्पुत्रिका व्रत रखती ओर ब्राह्मण को दक्षिणा देती है।

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Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

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