जरनैल सिंह फुटबॉल एथलीट – जरनैल सिंह का जीवन परिचय Naeem Ahmad, April 10, 2020March 13, 2024 जरनैल सिंह का पूरा नाम जरनैल सिंह ढिल्लों है। वे भारत के फुटबॉल के एक अत्यंत सफल खिलाड़ी रहे है। जरनैल सिंह का जन्म 1936 में पनाम, जिला होशियारपुर पंजाब में हुआ था। जरनैल सिंह फुटबॉल फुटबॉल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक है। भारत को विजय दिलाने में उन्होंने श्रेष्ठ डिफेंडर की भूमिका निभाई है। 1962 के जकार्ता एशियाई खेलों में जरनैल ने अपने स्ट्रोक द्वारा विजय दिलाकर भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।संत दादू दयाल की जीवनी और परिचयअपनी शक्ति और बेहतर प्रदर्शन के दम पर फुटबॉल में बचाव की कला ( आर्ट ऑफ डिफेंस) को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले खिलाड़ी रहे है। वे 1952 से 1956 तक खालसा कॉलेज महिपालपुर पंजाब के लिए खेलते रहे। फिर 1956-57 के बीच खालसा स्पोर्ट्रिग कॉलेज पंजाब टीम के सदस्य रहे। 1957-58 में वे राजस्थान क्लब, कलकत्ता टीम के सदस्य रहे। भारतीय फुटबॉल के स्वर्णिम युग में जरनैल सिंह ने अपने समय के अन्य श्रेष्ठ खिलाड़ियों की भांति भारतीय फुटबॉल को आगे बढ़ाने तथा उन्नति के रास्ते पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1962 के जकार्ता एशियाई खेलों में उनकी योग्यता व श्रैष्ठता किसी से छिपी नहीं है। वहां किया गया उनका श्रेष्ठ प्रदर्शन आज भी याद किया जाता हैं।जरनैल सिंह की जीवनी, बायोग्राफी, रिकॉर्ड, पदक, सम्मान व उपलब्धियांइन एशियाई खेलों में जरनैल के सिर में चोट के कारण छः टांके आएं थे, परंतु उन्होंने उसे भुलाकर फॉरवर्ड के रूप में खेलकर ऐसा महत्वपूर्ण गोल किया कि भारत पहले सेमीफाइनल में और फिर फाइनल में जीतकर एशियाई फुकबॉल में पहली बार स्वर्ण पदक हासिल कर सका। दो साल बाद अर्थात 1964 में तेल अवीव में हुए एशिया कप में जरनैल ने डिफेंडर के रूप में अत्यंत श्रेष्ठ प्रदर्शन किया और भारत उस खेल में रनरअप रहा।बहू बेगम की जीवनी – बहू बेगम का मकबरा कहां स्थित है1964 में ही मलेशिया के मर्डेका टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन के पश्चात जरनैल ने चुन्नी गोस्वामी से टीम की डोर अपने हाथ में ले ली। वे 1965 से 1967 तक भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान रहे और उनके नेतृत्व में टीम ने अत्यंत बेहतरीन प्रदर्शन किया तथा अनेक सफलताएं अर्जित की। 1965-66 तथा 1966-67 में जरनैल एशियाई ऑल स्टार टीम के कप्तान भी रहे। घरेलू सर्किट में भी जरनैल मोहन बगान क्लब से 10 महत्वपूर्ण सालों तक जुडे रहे। जब हरी तथा मैरून टीमों ने राष्ट्रीय स्तर पर लगभग सभी महत्वपूर्ण मुकाबले जीत लिए। वह 1958 से 1968 तक मोहन बागान क्लब से जुड़े रहे।जरनैल सिंह एथलीट1969 में मोहन बागान क्लब छोड़ने बाद वे पंजाब की टीम के लिए खेले और 1970 में उन्होंने टीम के कोच तथा खिलाड़ी के रूप में संतोष ट्रॉफी जीतने में टीम की मदद की। जरनैल सिंह भारतीय राष्ट्रीय टीम के कोच भी रहे। वे कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर भी रहे। 1964 में जरनैल जिला खेल अधिकारी पद पर रहे। 1985 से 1990 तक वह पंजाब में खेल विभाग के डिप्टी डारेक्टर रहे। 1990 से 1994 के बीच वे पंजाब के डारेक्टर ऑफ स्पोर्ट्स पद पर रहे। जरनैल को 1964 में अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया। 13 अक्टूबर 2000 को उनकी वैंकूवर, कनाडा में मृत्यु हो गयी।क्रिप्टो करंसी में इंवेस्ट करें और अधिक लाभ पाएं खेल जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियां• जरनैल भारतीय फुटबॉल टीम मे डिफेंडर के रूप में अत्यंत ख्याति प्राप्त खिलाड़ी रहे।• वे 1952 से 1956 तक खालसा कॉलेज महिपालपुर पंजाब के खिलाडी रहे।• 1956 से 1957 तक जरनैल जी खालसा स्पोर्ट्रिंग क्लब, पंजाब टीम के सदस्य रहे।• 1957 से 1958 के बीच वे राजस्थान क्लब कलकत्ता टीम के लिए खेले।• 1958 से 1968 के बीच वे मोहन बागान क्लब से जुडे रहे।• वे भारतीय टीम के राष्ट्रीय कोच रहे।• वे उस टीम के कोच व खिलाडी थे जिसने 1970 में संतोष ट्रॉफी जीती।• 1965 से 1967 तक वे भारतीय टीम के कप्तान रहे।• 1962 में जकार्ता एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में उनके महत्वपूर्ण स्ट्रोक से भारत फाइनल में पहुंच सका, फिर फाइनल में उनके महत्वपूर्ण खेल से भारत पहली बार एशियाई फुटबॉल में स्वर्ण पदक प्राप्त कर सका।• 1964 में जरनैल सिंह को अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया।• 1964 में तेल अवीव में हुए एशिया कप में उन्होंने डिफेंस में रहकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत रनरअप रहा। हमारे यह लेख भी जरुर पढ़े:–[post_grid id=’21134′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के महान खिलाड़ी खेल जगतबायोग्राफीभारत के फुटबॉल खिलाड़ी