मध्य प्रदेश का प्रमुख शहर जबलपुर अपनी सांस्कृतिक गतिविधियो व संगमरमरी चट्टानो के लिए विश्व भर में जाना जाता है। गौंड राजाओ की राजधानी तथा कलुचरी वंश के राजाओ की कर्म भूमि रहे जबलपुर को राजा जाजल्यदेव ने बसाया था। वैसे तो जबलपुर पर्यटन में देखने के लिए कई पर्यटन स्थल है। परंतु हम आपको जबलपुर के टॉप 5 पर्यटन स्थलो के बारे में यहा बताएंगे। जबलपुर के पर्यटन स्थलो में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्थलो मेंभेडाघाट, धुआंधार वाटर फॉल, चौसठ योगिनी मंदिर, मदन महल किला, रानी दुर्गावती संग्रहालयआदि प्रमुख है। इसके अलावा यहा संगमरमर की नीली, गुलाबी व सफेद पहाडियो के बीच बहने वाली नर्मदा नदी का सौंदर्य विश्व में अद्वितीय है। आइए जबलपुर के इन टॉप 5 पर्यटन स्थलो के बारे में विस्तार से जानते है।
जबलपुर पर्यटन स्थलो के सुंदर दृश्यजबलपुर पर्यटन के टॉप 5 दर्शनीय स्थल
भेडाघाट
जबलपुर पर्यटन में भेडा घाट का महत्वपूर्ण स्थान है। देश विदेश के कोने कोने से आने वाले पर्यटको की यहा सबसे पसंदीदा जगह है। भेडाघाट जबलपुर से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भेडा घाट विश्व भर में प्रसिद्ध है।
यहा नीली गुलाबी और सफेद संगमरमर की चट्टानो के मध्य बहने वाली नर्मदा नदी का प्राकृतिक सौंदर्य मन मोह लेने वाला है। यहा सफेद चट्टानो के बीच नर्मदा में नौका विहार का अपना अलग ही आनंद है। नौका विहार के दौरान आप यहा भुलभुलैया व बंदर कूदनी जैसे दर्शनीय स्थलो को भी देख सकते है।
बंदर कूदनी के बारे में यह कहा जाता है कि वर्षो पहले दोनो पहाडिया एक दूसरे के इतना करीब थी। कि बंदर बडी आसानी से एक पहाडी से दूसरी पहाडी पर कूद कर पहुंच जाते थे। परंतु बाद में पानी के कटाव की वजह से इन दोनो पहाडियो के बीच काफी फासला हो गया। भेडाघाट में पंचवटी घाट भी है। जहा से नगर पंचायत द्वारा नौका विहार की उत्तम व्यवस्था है।
धुआंधार वाटर फॉल
धुआंधार वाटर फॉल भेडाघाट से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहा 200 फुट की ऊंचाई से जब नर्मदा का पानी नीचे गिरता है। तो जब धुंए जैसा प्रतीत होता है। शायद इस वाटर फॉल का नाम भी धुआंधार इसी वजह से पडा है। यह एक बहुत ही मनोहारी स्थल है जबलपुर पर्यटन पर आने वाले पर्यटको की सबसे पसंदीदा जगह है।
जबलपुर पर्यटन स्थलो के सुंदर दृश्यचौसठ योगिनी
चौसठ योगिनी मंदिर भेडाघाट और धुआंधार वाटर फॉल के मध्य में स्थित है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कलचुरी राजाओ ने करवाया था। यहा योगिनीयो की भग्न मूर्तियां विशेष रूप से दर्शनीय है। भक्तो के साथ साथ यहा जबलपुर पर्यटन पर आने वाले पर्यटक भी काफी संख्या में यहा पहुंचते है।
मदन महल किला
इस किले का निर्माण राजा मदनसिंह गोंड ने 1100ई° में करवाया था। रानीदुर्गावती कासंबंध भी इस किले से रहा है। यह पुराना किला जबलपुर से 10 किलोमीटर दूर जबलपुर–नागपुर रोड पर स्थित है। एक विशाल पत्थर पर बना यह किला शिल्पकला का बेजोड नमूना है। इस किले की मजबूत दीवारे आज भी पहले जैसी मजबूत दिखती है।
रानी दुर्गावती संग्रहालय
जबपुर पर्यटन पर आने वाले पर्यटक यहा जरूर आते है। एक तो यहा दुर्लभ वस्तुए देखने को मिलती है। तथा दूसरा यह जबलपुर शहर के बीचो बीच स्थित है। यहा पुरातत्व दृष्टि से महत्तवपूर्ण दुर्लभ मूर्तियो और वस्तुओ का संग्रह है। यहा आप खुदाई में निकली अनेक दुर्भ वस्तुए देख सकते है।
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लम्हेटा घाट
लम्हेटा नर्मदा नदी के किनारे भूगर्भीय महत्व स्थल है। यहा रचनात्मक गुणो वाले पत्थर पाए जाते है। भूगर्भ शास्त्र के शोध विद्यार्थियो के लिए यह स्थल अत्यधिक महत्वपूर्ण है।