चंबा हिमाचल प्रदेश के दर्शनीय स्थल – हिमाचल पर्यटन Naeem Ahmad, October 13, 2017March 12, 2023 हिमाचल प्रदेश राज्य में रावी नदी के किनारे पर एक समतल पहाडी पर बसा चंबा बेहद ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। चंबा को हिमाचल प्रदेश का जिला होने का भी गोरव प्राप्त है। डलहौजी से चंबा की दूरी लगभग 56 किलोमीटर है। यह मनमोहक हिल स्टेशन चंबा समुंद्र तल से लगभग 996 मीटर की ऊचाई पर बसा है। इस शहर का यह सौभाग्य भी रहा है कि यहा एक से बढकर एक कलाप्रिय धार्मिक व कृपालु राजाओ ने शासन किया था। तभी यहा की संस्कृति न केवल फली फूली बल्कि चंबा कि सीमाओ को पार करके पूरे भारत वर्ष में फैली है। चिरो ओर से घनी बर्फ से ढकी पहाडियो के मध्य स्थित चंबा में शिव पार्वती के छ: मंदिर है। इन मंदिरो की बेजोड नक्काशी और कला के नमूने पर्यटको को मंत्रमुग्ध कर देते है। चंपा के वृक्षो से घिरा चंबा 10वी सदी के राजा साहिल की बेटी चंपावती के नाम पर बसा है। यहा व्रष भर सैलानियो की रौनक लगी रहती है। समय समय पर आयोजित किये जाने वाले मेले इसकी रौनक में चार चांद लगा देते है। सबसे प्रसिद्ध यहा का भिजार त्योहार मेला है। यह मेला हर साल सावन के तीसरे रवीवार को आयोजित किया जाता है। इसके अलावा अप्रैल माह में आयोजित होने वाला सूही मेलाभी पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करताहै। यह शहर प्रकृति की तमाम खुबसुरत अदाओ का साक्षी है और इसकी हर अदा पर्यटको को खूब भाती है। यहा की वृगह्म घाटियो में जब धूप के रंग बिखरते है तो इसका सौंदर्य देखते ही बनता है। वास्तुकला हो या भितातिचित्र कला, मूर्तिकला हो या काष्ठकला जितना प्रोत्साहन इन्हें चंबा में मिला है उतना प्रोत्साहन शायद ही देश के अन्य हिस्से में मिला हो।चंबा घाटी के सुंदर दृश्यContents1 चंबा के दर्शनीय स्थल2 Tourist place in chamba2.0.0.0.1 चम्बा के आस पास के दर्शनीय स्थलचंबा के दर्शनीय स्थलTourist place in chambaभूरीसिंह संग्रहालययह भारत के 5 प्रमुख संग्रहालयो में से एक है। यहा चंबा घाटी की ही कला देखने को मिलती है। इस संग्रहालय का निर्माण यहा के नरेश भूरिसिंह ने डच डॉक्टर बोगले की प्रेरणा से करवाया था। इस संग्रहालय में 5 हजार से अधिक दुर्लभ कलाकृतियां संग्रहीत है। इन कलाकृतियो में भित्तिचित्र, मूर्तिया, पाडुलिपियां और धातुओ से निर्मित वस्तुओ के अलावा विश्व प्रसिद्ध चंबा रूमाल भी है। चम्बा के रूमालो की मुख्य खासियत यह है कि इन पर धर्म ग्रंथो के प्रसंगो का चित्रण बडी ही खुबसुरती से किया गया है।लक्ष्मीनारायण मंदिरयह प्राचीन मंदिर भगवान शिव और भगवान विष्णु की कलात्मक प्रतिमाओ और नक्काशीके लिए प्रसिद्ध हैचम्बा के आस पास के दर्शनीय स्थलभरमौरचम्बा से भरमौर की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है। यह सुंदर स्थान मणिमहेश यात्रा के आरंभ स्थान के रूप में जाना जाता है। यहा के चौरासिया मंदिर समूह विशेष रूप से दर्शनीय है।सूलनीचम्बा से सूलनी की दूरी लगभग 56 किलोमीटर है। समुंद्र तल से 1829 मीटर की ऊचाई पर बसा यह खुबसुरत पर्यटन स्थल अपने मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है।सहोचम्बा से सहो की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। साल नदी के तट पर स्थित यह स्थल चंद्रशेखर मंदिर के लिए जाना जाता है।सरोलचम्बा से सरोल की दूरी लगभग 11किलोमीटर है। एक घाटी में बसा सरोल एक सुंदर पर्यटन एंव पिकनिक स्थल है। यह रावी नदी के दांए किनारे पर है। पर्यटक यहा कृषि फार्म संम्बधित जानकारिया भी प्राप्त कर सकते है।सोलन के दर्शनीय स्थलनैना देवी तीर्थ यात्राचौगानचौगान अपने मेलो के लिए पर्यटको की नजर में विशेष स्थान रखता है। यहा होने वाली विशेष सांस्कृतिक गतिविधिया सैलानीयो को मंत्रमुग्ध कर देती है।चंबा घाटी के सुंदर दृश्यमणिमहेशभरमौर से 34 किलोमीटर दूर तथा समुंद्र तल से 4170 मीटर की ऊचाई पर स्थित यह स्थान अपनी 5656 मीटर ऊंची मणिमहेश चोटी के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यहा प्रसिद्ध मणिमहेश झील भी दर्शनीय है। जहा प्रतिवर्ष मणिमहेश यात्रा आयोजित कि जाती है। भारत के पर्यटन स्थल भारत के हिल्स स्टेशन भरमौरहिमाचल टूरिस्ट पैलेसहिमाचल पर्यटनहिल स्टेशन