ग्यारसपुर अठखंम्भा मंदिर और इतिहास

ग्यारसपुर अठखंम्भा मंदिर

भारत केमध्य प्रदेश राज्य के विदिशा जिले में में ग्यारसपुर नामक नगर है। यह स्थान अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। ग्यारसपुर में खुदाई के दौरान प्राचीन और ऐतिहासिक खंडहर निकले है। जो ग्यारसपुर का इतिहास और यहां के महत्व का उल्लेख करते हैं। यहां खुदाई में आठ खंम्भे (स्तंभ) निकले है, जिन पर सन् 982 (विक्रमी संवत 1039) का अभिलेख उत्कीर्ण है। ग्यारसपुर का यह अठखंम्भा भग्नावशेष वर्तमान ऐतिहासिक रूचि रखने वाले पर्यटकों को खूब भाते हैं।

ग्यारसपुर अठखंम्भा ऐतिहासिक भग्नावशेष

ग्यारसपुर के खुदाई किए गए 8 स्तंभों की कतार अठखंम्भा नाम से प्रसिद्ध है। ये स्तंभ किसी काल में विशाल मंदिर को संभाले हुए थे किंतु आज अवषेशावस्था में है। पहाड़ी की ढलाई पर बने हुए ये बाजरा मठ कलात्मक खुदाई के कामों से परिपूर्ण होने के कारण ग्यारसपुर का एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है। पहाड़ी के ढलाव पर स्थित मंदिर से नीचे की गहरी घाटी का दृश्य मन को लुभा लेता हैं।

ग्यारसपुर अठखंम्भा मंदिर
ग्यारसपुर अठखंम्भा मंदिर

मंदिर में विविध दृश्यों से परिपूर्ण सुंदरतम खुदाई का काम किया गया है। ग्राम की उत्तरी पहाड़ियों पर बौद्ध-स्तूपों के अवशेष दृष्टिगत होते हैं, जो इस भाग में बौद्ध धर्म के प्रचार के स्पष्ठ प्रमाण है। समीप ही वेष्णव मंदिरों के अवशेष भी हैं। हिंडोला तोरण जो कि अपने नाम को सार्थक करता है, यहाँ का एक प्रमुख स्थल है। तोरण के स्तंभों पर चारों ओर मूर्तियां खुदी हुई हैं, जो कि बड़ी कुशलतापूर्वक विष्णु के दस अवतारों का चित्रण करती हैं।

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