गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह पंजाब हिस्ट्री इन हिन्दी Naeem Ahmad, June 26, 2019March 11, 2023 गुरुद्वारा शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह जी सिक्खों की तीर्थ नगरी अमृतसर में स्थित है। गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब वह जगह है जहाँ बाबा दीप सिंह जी ने अन्य सिंह साथियों के साथ मिलकर श्री हरमंदिर साहिब का अनादर कर रही मुगल सेना से लड़ते हुए शहादत हासिल की। महान सिख विद्वान और शहीद बाबा दीप सिंह उस समय बुरी तरह से घायल हो गए जब अफगान आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली ने हरमंदिर साहिब को उड़ा दिया और पवित्र तालाब को मिट्टी से भर दिया। बाबा दीप सिंह ने सिखों की पवित्रता को बहाल करने के लिए हरिमंदिर साहिब के प्रांगण में मरने की शपथ लेकर तलवार उठाई। और उसने पाँच हज़ार वफादार सिखों के साथ जहान खान की मुस्लिम सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, और शहादत हासिल की थी।गुरूद्वारा शहीदगंज साहिबबाबा दीप सिंह कौन थेबाबा दीप सिंह जी का जन्म 26 जनवरी 1682 को पहुविण्ड गांव में सरदार भगत सिंह के घर हुआ था। सन् 1706 में दमदमा साहिब तलवंडी साबो के स्थान पर आपने गुरू गोविंद सिंह जी की देखरेख में भाई मनी सिंह के साथ मिलकर श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बीड़ लिखकर तैयार की थी। बाबा दीप सिंह जी अनेक भाषाओं के उच्चकोटि के विद्वान भी थे।गुरूद्वारा शहीद गंज साहिब के सुंदर दृश्यश्री गुरू ग्रंथ साहिब की प्रतिलिपियाँ तैयार कराकर सभी तख्तों पर प्रचार के लिए भेजी गई, परंतु आप श्री दमदमा साहिब के स्थान पर जत्थेदार की पदवी पर रहते हुए गुरमति प्रचार में लगे। बाबा दीप सिंह जी प्रत्येक वर्ष दीपावली तथा वैशाखी के अवसरों पर समूह संगत को लेकर श्री अमृतसर साहिब के दर्शन के लिए पहुंचते थे। सन् 1708 से सन् 1716 तक बाबा दीप सिंह जी ने अनेक युद्ध लडे और जीते। बाबा दीप सिंह जी गुरूधामो की पवित्रता को बनाये रखने के लिए सदा तत्पर रहते थे।बाबा दीप सिंह जी की शहादतसन् 1756 की बात है, अफगानी शासक अहमद शाह अब्दाली ने अपने सेनापति कपूर शाह को आज्ञा दी कि सिक्खों के हरिमंदिर साहिब को धराशायी करके अमृत सरोवर को मिटटी से भर दिया जाये। मुस्लमान सेना ने अमृतसर पर आक्रमण कर 18 जनवरी 1756 को अमृत सरोवर को मिट्टी से भर दिया। जत्थेदार भाग सिंह जी ने दमदमा साहिब पहुंच कर मुसलमान आक्रमणकारियों के बारें में सारी बात बाबा दीप सिंह जी को बताई। मुस्लिम आक्रमणकारियों के हरमंदिर साहिब को धराशायी और अमृत सरोवर को मिट्टी से भरने की बात सुनकर बाबा दीप सिंह जी क्रोध से भर उठे। और उसी समय एक प्रतिज्ञा की कि वह अपने प्राण हरमंदिर साहिब के प्रागंण मे त्यागेंगे।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—–गुरूद्वारा गुरू का महलखालसा पंथ का अर्थपांच तख्त साहिब के नामदमदमा साहिब का इतिहासपांवटा साहिब का इतिहासगुरूद्वारा बाबा अटल राय जीगोल्डन टेम्पल का इतिहासअकाल तख्त का इतिहासहजूर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दीहेमकुंड साहिब का इतिहासबाबा दीप सिंह जी पांच हजार सिंह शूरवीरों को लेकर तरनतारन पहुंच गये। बडा घमासान युद्ध हुआ। चब्बा गाव के निकट बाबा नौध सिंह जूझते हुए शहीद हो गये। परंतु बाबा दीप सिंह जी ने अपना दो धारा खण्डा चलाया, गोहलवड़ के स्थान पर मुगलों की सेना के साथ लडते हुए आप का शीश धड़ से अलग हो गया। परंतु आप ने प्राण नहीं त्यागे क्योंकि आपने प्रण किया था कि हरमंदिर साहिब को आजाद करवाकर ही अपने प्राण त्यागूगा।बाबा दीप सिंह जी ने अपना शीश अपने बांये हाथ पर टिकाया तथा दायें हाथ से खड्ग चलाते हुए दुश्मनों का संहार करते हुए हरिमंदिर साहिब की ओर आगे बढ़ते गये। ह चमत्कार देखकर दुश्मन सेना में खलबली मच गई और दुश्मन सेना के पैर उखड गये। बाबा दीप सिंह जी ने श्री हरिमंदिर साहिब की परिक्रमा में पहुंचकर प्राण त्यागे तथा हरिमंदिर साहिब को आजाद कराने की अपनी प्रतीज्ञा पूरी की। इस स्थान पर अब टाहली साहिब स्थित है।चाटिविण्ड के स्थान पर बाबा दीप सिंह के धड़ तथा अन्य शहीद सिंहों की अंत्येष्टि की गई। जहां बाद में एक शहीद स्मारक बनाया गया, जिसको आगे चलकर गुरूद्वारे में बदल दिया गया और यह गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब के रूप मे वर्तमान में जाना जाता है। हजारों कीसंख्या में सिक्ख संगत यहा दर्शन के लिये आती है।भारत के प्रमुख गुरूद्वारों पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—-[post_grid id=’6818′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल पंजाब दर्शनप्रमुख गुरूद्वारे