गाज बीज माता की पूजागाज बीज माता की कथा – गाज बीज माता का व्रत कैसे करते है और पूजा विधिPost author:Naeem AhmadPost published:August 20, 2021Post category:भारत के प्रमुख त्यौहारPost comments:0 Commentsभाद्र शुक्ला द्वितीया को अधिकांश गृहस्थो के घर बापू की पूजा होती है। यह बापू की पूजा असल में कुल-देवता की पूजा है। इस पूजा में कच्ची रसोई बनाकर बापू देव को भोग लगाया जाता है। फिर सब उसी प्रसाद को खाते हैं। यह प्रसाद प्रायः उन्ही लोगों को दिया जाता है, जो एक कुलगौत्र के होते है। दोपहर को बापू की पूजा के बाद स्नानकर कायस्थ लोगों मे लड़के की माँ दीवार मे गाज बीज की रचना करती है। एक मढ़ी बनाकर उसमें एक बालक बिठाया जाता है और एक दूसरा बालक वृक्ष के नीचे खड़ा दिखलाया जाता है। मढ़ी के ऊपर गाज बीज का गिरना और वृक्ष का गाज से बचना भी दिखाया जाता है। इसको गाज बीज की पूजा कहते है। पूजा के बाद कथा होती है। गाज बीज माता की कथा – गाज बीज व्रत की कहानी गाज बीज की कथा इस प्रकार है :– गाजबीज की कथा एक समय बरसात के दिनों मे भादो सुदी द्वितीया को एक राजा का लड़का शिकार खेलने जंगल को गया। उसी जंगल में एक गरीब ग्वालिन का लड़का गाये चराता था। देवात् बड़े जोर से पानी बरसने लगा। तब राजा का लड़का हाथी से उतरकर जंगल मे एक मढ़ी बनी थी, उसमे चला गया। उसी समय मढ़ी पर गाज गिरी, जिससे मढ़ी तो फट गई, साथ ही राजा का लड़का बिलकुल लापता हो गया।गाज बीज माता की पूजागरीब लड़का जो गायें चराता था, उसकी माता नित्य एक रोटी गाय या बछिया को खिलाती थी या किसी भूखी-दूखीयारी कन्या को दिया करती थी। वह लड़का जिस पेड़ के नीचे खड़ा था, उस पर भी गाज गिरने को आती, परन्तु माता की दी हुईं रोटी उस पर इस तरह छा जाती थी कि गाज वृक्ष तक पहुँच ही नहीं सकती थी। कुछ देर बाद वर्षा बन्द हुई ओर लड़का आनन्द से अपने घर चला गया।राजा के सपाही कुँवर को खोजते हुए उसी जंगल में आये, जहाँ यह घटना हुई थी। वहाँ जिन लोगों ने यह सब हाल अपनी आँखों से देखा था, उन्होने सब सैनिकों को कह सुनाया कि गरीब का लड़का तो बच गया, परन्तु राजा का लड़का मारा गया है।यह समाचार पाकर राजा को मन से बड़ा दुःख हुआ कि मे इतना पुण्य और धर्म करता हूँ, फिर भी मेरा लड़का मर गया ओर गरीबिनी स्त्री जो एक रोटी रोजाना देती है, उसका लड़का केवल रोटी की बदौलत बच गया। वह उसी शौक से मलिन-मन हो रहा था। तब राजा के गुरु ने आकर समझाया—राजन! आप जो पुण्य-धर्म करते हो, वह अभिमानपूर्वक करते है। इसी कारण वह क्षय हो जाता है। परन्तु गरीबिनी स्त्री जो कुछ करती है, श्रद्धापूर्वक करती हैं। राजा ने गुरु के चरणो मे नमस्तक हो करके संतोष किया और आगे के लिये अमूल्य शिक्षा ली।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- ओणम पर्व की रोचक तथ्य और फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में विशु पर्व, केरल के प्रसिद्ध त्योहार की रोचक जानकारी हिन्दी में थेय्यम नृत्य फेस्टिवल की रोचक जानकारी हिन्दी में theyyam festival केरल नौका दौड़ महोत्सव - केरल बोट रेस फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में अट्टूकल पोंगल केरल में महिलाओं का प्रसिद्ध त्योहार तिरूवातिरा कली नृत्य फेस्टिवल केरल की जानकारी हिन्दी में मंडला पूजा उत्सव केरल फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में अष्टमी रोहिणी केरल का प्रमुख त्यौहार की जानकारी हिन्दी में लोहड़ी का इतिहास, लोहड़ी फेस्टिवल इनफार्मेशन इन हिन्दी दुर्गा पूजा पर निबंध - दुर्गा पूजा त्योहार के बारें में जानकारी हिन्दी में तेजाजी की कथा - प्रसिद्ध वीर तेजाजी परबतसर पशु मेला मुहर्रम क्या है और क्यो मनाते है - कर्बला की लड़ाई - मुहर्रम के ताजिया गणगौर व्रत कथा - गणगौर क्यों मनाई जाती है तथा गणगौर व्रत विधि बिहू किस राज्य का त्यौहार है - बिहू किस फसल के आने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है हजरत निजामुद्दीन दरगाह - हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह का उर्स नौरोज़ त्यौहार का मेला - नवरोज त्योहार किस धर्म का है तथा मेला फूलवालों की सैर त्यौहार कब मनाया जाता है - फूलवालों की सैर का इतिहास हिन्दी में ईद मिलादुन्नबी कब मनाया जाता है - बारह वफात क्यों मनाते है और कैसे मनाते है ईद उल फितर क्यों मनाया जाता है - ईद किस महिने के अंत में मनाई जाती है बकरीद क्यों मनाया जाता है - ईदुलजुहा का इतिहास की जानकारी इन हिन्दी बैसाखी का पर्व किस दिन मनाया जाता है - बैसाखी का त्योहार क्यों मनाया जाता है अरुंधती व्रत रखने से पराये मर्द या परायी स्त्री पाप से मुक्ति रामनवमी का महत्व - श्रीराम का जन्मदिन चैत्र रामनवमी कैसे मनाते हैं हनुमान जयंती का महत्व - हनुमान जयंती का व्रत कैसे करते है और इतिहास आसमाई व्रत कथा - आसमाई की पूजा विधि वट सावित्री व्रत की कथा - वट सावित्री की पूजा कैसे करते है गंगा दशहरा का महत्व - क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा की कथा रक्षाबंधन क्यों मनाते है - रक्षाबंधन पूजा विधि और रक्षा-बंधन की कथा नाग पंचमी कब मनायी जाती है - नाग पंचमी की पूजा विधि व्रत और कथा कजरी की नवमी कब और कैसे मनाते है - कजरी पूर्णिमा का व्रत और कथा हरछठ का व्रत कैसे करते है - हरछठ में क्या खाया जाता है - हलषष्ठी व्रत कथा हिंदी सिद्धिविनायक व्रत कथा - सिद्धिविनायक का व्रत कैसे करते है तथा व्रत का महत्व कपर्दि विनायक व्रत - कपर्दि विनायक व्रत कैसे करते है और व्रत कथा हरतालिका तीज व्रत कथा - हरतालिका तीज का व्रत कैसे करते है तथा व्रत क्यो करते है संतान सप्तमी व्रत कथा पूजा विधि इन हिन्दी - संतान सप्तमी व्रत मे क्या खाया जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत कथा और महत्व - जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों रखा जाता है अहोई आठे व्रत कथा - अहोई अष्टमी का व्रत कैसे करते है बछ बारस पूजन कैसे करते है - बछ बारस व्रत कथा इन हिन्दी करमा पूजा कैसे की जाती है - करमा पर्व का इतिहास जइया पूजा आदिवासी जनजाति का प्रसिद्ध पर्व डोमकच नृत्य समारोह क्यों मनाया जाता है छेरता पर्व कौन मनाते हैं तथा छेरता नृत्य कैसे करते है दुर्वासा धाम मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश भैरव जी मेला महराजगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश बाबा गोविंद साहब का मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश कामाख्या देवी मेला गहमर गाजीपुर उत्तर प्रदेश शेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश गोरखनाथ का मेला गोरखपुर उत्तर प्रदेश तरकुलहा का मेला - तरकुलहा देवी मंदिर गोरखपुर सोहनाग परशुराम धाम मंदिर और सोहनाग का मेला 1 2 Next » Tags: त्यौहार, हमारे प्रमुख व्रत, हिन्दू धर्म के प्रमुख व्रतRead more articles Previous Postहरछठ का व्रत कैसे करते है – हरछठ में क्या खाया जाता है – हलषष्ठी व्रत कथा हिंदी Next Postसिद्धिविनायक व्रत कथा – सिद्धिविनायक का व्रत कैसे करते है तथा व्रत का महत्व Naeem Ahmad CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger You Might Also Like कामाख्या देवी मेला गहमर गाजीपुर उत्तर प्रदेश July 31, 2022 पक्का घाट का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश August 14, 2022 रक्षाबंधन क्यों मनाते है – रक्षाबंधन पूजा विधि और रक्षा-बंधन की कथा August 17, 2021Leave a ReplyCommentEnter your name or username to commentEnter your email address to commentEnter your website URL (optional) Δ