उत्तराखंड राज्य में स्थित कौसानी भारत का एक खूबसूरत हिल्स स्टेशन है। समुद्र तल से लगभग 1980 मीटर की ऊंचाई पर बसा यह पर्वतीय स्थल अपने प्राकृतिक सौंदर्य व मनोहारी दर्शनीय स्थलो के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस पर्वतीय नगर की हरी भरी घाटिया व नैसर्गिक सौंदर्य को देख महात्मा गांधी ने कहा था कि—“कौसानीधरती का स्वर्ग है”यह भी कहा जाता कि इस शहर के सौंदर्य से प्रभावित होकर ही गांधी जी ने अपनी“अनाशक्ति योग”नामक पुस्तक की रचना इसी शहर में की थी।
कौसानी का सूर्योदय का दृश्य इतना खूबसूरत होता है कि इस दृश्य को देखने के लिए दूर दूर से सैलानी घंटो पहले यहा एकत्र हो जाते है। चीड व देवदार के पेडो से घिरी यह नगरी विश्व भर के पर्यटन स्थलो में अपनी खास पहचान रखती है। कौसानी का मौसम भी बहुत सुहावना होता है जब कौसानी में बर्फबारी होती है तो यह मौसम और भी सुहावना हो जाता है। इस समय कौसानी का तापमान में भी भारी गिरावट होती है। बर्फबारी के समय सैलानी यहा जमकर आनंद उठाते है। आइए इस खूबसूरत शहर के ऐसे ही अन्य खुबसूरत पर्यटन व दर्शनीय स्थलो के बारे में विस्तार से जानते है। जिनकी सैर करके आप अपनी कौसानी यात्रा का फुल आनंद व लुत्फ उठा सकते है
कौसानी के सुंदर दृश्यकौसानी के दर्शनीय स्थल
पंत संग्रहालय
यह संग्रहालय बस अड्डे से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस संग्रहालय में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिंदी के प्रमुख कवि सुमित्रानंदन पंतजी के दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओ के साथ साथ उनकी कविताओ की पांडुलिपियां व पत्र आदि संग्रहित करके रखे गए है।
सोमेश्वर
सोमेश्वर का प्रसिद्ध मंदिर से कोसानी की दूरी लगभग 19 किलोमीटर है। इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण चंद्रवंशीय राजा सोमचंद ने करवाया था। कत्यूरी शैली से निर्मित यह मंदिर स्थापत्य कला का बेजोड नमूना है। और यह सैलानियो का काफी पसंद आता है।
पिनाकेश्वर
कौसानी से पिनाकेश्वर की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 9050 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। पिनाकेश्वर एक अत्यंत रमणीक व मनोहारी दर्शनीय स्थल है। ट्रैकिंग के लिए यह उपयुक्त स्थल है। इसके अलावा पर्यटक पिनाकेश्वर के पास ही बूढा पिनाकेश्वर, हुरिया तथा गोपालकोट भी जा सकते है। इन स्थानो का भी सौंदर्य सैलानीयो का मन मोह लेता है।
पिडारी ग्लेशियर
यह अद्भुत ग्लेशियर3820 मीटर की ऊंचाई पर है। पिंडर नदी यही से निकलती है। ट्रैकिंग के लिए भी यह उपयुक्त स्थल है। प्रतिवर्ष काफी संख्या में देशी और विदेशी सैलानी ट्रैकिंग के लिए यहा आते है। पिंडारी ग्लेशियर की सैर करने के लिए सबसे पहले बागेश्वर पहुचना पडता है। बागेश्वर से कौसानी की दूरी 39 किलोमीटर है। बागेश्वर से कपपोट पहुचना पडता है। जो बागेश्वर से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। कपपोट से लोहार खेत आना पडता है। जो कि 16 किलोमीटर की दूरी पर है। इसकेबाद लोहारखेत से पिंडारी ग्लेशियर की की 35 किलोमीटर की यात्रा ट्रैकिंग करते हुए तय करनी पडती है। कुमाऊं मंडल विकास निगम व कुछ पर्यटन संस्थाएं सितंबर व अक्टूबर के मध्य 7 से 9 दिन का पर्यटको को ग्लेशियर की सैर कराने का कार्यक्रम बनाती है। जो पर्यटको के लिए सुविधाजनक होता है।
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कौसानी कब जाएं
वैसे तो कोसानी बरसात के मौसम को छोडकर किसी भी मौसम में जाया जा सकता है। फिर भी अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर का समय यहा घूमने के लिए उपयुक्त माना जाता है। यदि आप बर्फबारी का आनंद उठाना चाहते है तो दिसंबर से फरवरी के बीच में जा सकते है।
कौसानी कैसे जाएं
यहा से निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। जो कोसानी से लगभग 142 किलोमीटर की दूरी पर है। काठगोदाम से आगे की यात्रा आप बस या टैक्सी द्वारा तय कर सकते है। काठगोदाम से शेयर्यड सूमो की भी सुविधाए उपलब्ध है।
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