कॉमनवेल्थ गेम्स या राष्ट्रमंडल खेल विश्व का तीसरा बड़ा खेलोत्सव है। यह खेल उत्सव प्रत्येक चार वर्ष के बाद किसी भी राष्ट्रमंडलीय देश में आयोजित किया जाता है। राष्ट्रमंडल में ऐसे देश शामिल है जो कभी ब्रिटेन के उपनिवेश रहे है। अतः राष्ट्रमंडल खेलों में केवल वे ही खिलाड़ी भाग ले सकते है जो किसी भी राष्ट्रमंडलीय देश के निवासी हो। राष्ट्मंडल खेल उत्सव का शुरूआती नाम ब्रिटिश साम्राज्य खेल ( ब्रिटिश अम्पायर गेम्स ) है। इस खेल को शुरु करने का उद्देश्य मानवता, समानता और भाग्य की आजमाइश था। इंग्लैंड में लंदन शहर में और यूनाइटेड किंगडम में इसका मुख्यालय स्थापित है।
सन् 1930 में कनाडा के हेमिल्टन नामक नगर में प्रथम कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन हुआ था। जिसे उस समय ब्रिटिश अम्पायर गेम्स के नाम से जाना गया था। इन खेलों का यह नाम सन् 1954 तक प्रचलित रहा। इसके बाद सन् 1958 में इसका नाम बदलकर राष्ट्रमंडलीय खेल ( कॉमनवेल्थ गेम्स ) कर दिया गया। इससे पहले इन खेलों के पांच आयोजन ब्रिटिश अम्पायर के नाम से जाने गए और छठे खेल उत्सव से इस खेल के आयोजन को राष्ट्रमंडल खेल के नाम से जाना जाने लगा। सन् 1942 व सन् 1948 में ये खेल द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण आयोजित न हो सके। इस खेल का आयोजन चार बार कनाडा में, तीन बार न्यूजीलैंड में, तीन बार आस्ट्रेलिया में, दो बार स्कॉटलैंड में तथा दो बार भारत में हो चुका है। 1934 के राष्ट्रमंडल खेलों से इस प्रतियोगिता मे महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व दिया जाने लगा। सन् 1966 से सन् 1974 तक इन खेलों को ब्रिटिश ब्रिटिश कॉमनवेल्थ गेम्स के नाम से जाना गया। सन् 1978 से इसे संक्षिप्त करके राष्ट्रमंडलीय खेल या कॉमनवेल्थ गेम्स नाम दिया गया।
कॉमनवेल्थ गेम्स हिस्ट्री इन हिन्दी
राष्ट्रमंडलीय खेलों की अंतरराष्ट्रीय नियामक संस्था राष्ट्मंडल खेल संघ है। प्रत्येक देश का शासनाध्यक्ष इस संघ मे अपने देश का प्रतिनिधित्व करता है। राष्ट्रमंडल खेलो में भारत ने 1934 में प्रथम बार भाग लिया। अपने प्रथम राष्ट्रमंडलीय खेल मे भारत ने मात्र एक कांस्य पदक जीता था। 1950 के खेलो मे भारत ने प्रवेश ही नहीं किया, लेकिन जब 1954 में पुनः प्रवेश किया तो भारत ने एक रजत पदक जीता। सन् 1958 का साल भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में विशेष उल्लेखनीय रहा। भारत के मिल्खा सिंह ने 440 गज की दौड जीतकर देश के लिए पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया। भारत को इसी साल कुश्ती में भी एक गोल्ड मेडल मिला। सन् 1966 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 3 गोल्ड, 4 रजत, और 3 कांस्य पदक जीतकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि अर्जित की थी।

11से 21 दिसंबर 1998 के दौरान मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में 16वै राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन हुआ। यह पहला अवसर था जब इन खेलों का आयोजन एशिया द्वीप मे किया गया। परम्परा से हटकर इस बार इन राष्ट्रमंडलीय खेलों का आयोजन मलेशिया के राष्ट्राध्यक्ष सुल्तान तुओंकू जाफर अब्दुल रहमान ने किया, अब तक राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन ब्रिटेन की महारानी द्वारा किया जाता रहा था। इसमें कुल 16 प्रतिस्पद्धाए हुई, जिनमें भारत ने सात स्पर्द्धाओं में भाग लिया था। दशकों बाद क्रिकेट एवं रग्बी खेल राष्ट्रमंडलीय खेलों में सम्मिलित किए गए। भारतीय निशानेबाज खिलाड़ी जसपाल राणा को 16वे राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल का ध्वजावाहक चुना गया था। इस राष्ट्रमंडलीय खेल उत्सव की पदक तालिका में भारत का सातवां स्थान रहा।
16वे राष्ट्रमंडलीय खेलों में भारत ने कुल 25 पदक जीते, भारत ने 7 स्वर्ण, 10 रजत और 8 कांस्य पदक जीते। भारोत्तोलन की स्पर्द्धाओं में 7 खिलाड़ियों ने भारत के लिए 13 पदक जीते। चार मुक्केबाजो मे से एक ने रजत पदक जीता। भारतीय निशानेबाजों ने 7 पदक जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया। पुरूष बैडमिंटन में भारतीय टीम केवल मलेशिया से हारी। महिला बैडमिंटन खिलाड़ी अपर्णा पोपट ने कांस्य पदक जीता। भारत ने 1982 के राष्ट्रमंडल खेलों के बाद पहली बार बैडमिंटन स्पर्धा में कोई पदक जीता है। 1982 में सैय्यद मोदी ने एकल स्पर्द्धा का स्वर्ण पदक जीता था। हॉकी में भारत की पुरूष एवं महिला टीम ने कांस्य पदक जीतकर देश के लिए अर्जित पदकों की संख्या में इजाफा किया।
25 जुलाई, 2002 से 4 अगस्त 2002 के दौरान मैनचेस्टर में 17वे राष्ट्रमंडलीय खेल सम्पन्न हुए। इन खेलों में भारत का प्रदर्शन सराहनीय रहा। भारत ने कुल 72 पदक 32 स्वर्ण पदक, 21रजत पदक, व 19 कांस्य पदक जीतकर पदक तालिका में तीसरा स्थान प्राप्त किया। भारत को 72 मे से 30 पदक भारोत्तोलन और 24 रजत निशानेबाजी में मिले। 17वे राष्ट्रमंडल खेलों मे भारत को पहला स्वर्ण पदक एयर राइफल निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने दिलाया। भारोत्तोलन में कुंजुरानी देवी ने सराहनीय प्रदर्शन से पहला स्वर्ण पदक अपने नाम किया। कृष्ण कुमार, रमेश कुमार और पलविंदर सिंह ने कुश्ती में स्वर्ण पदक जीता और भारतीय महिला हॉकी टीम ने अंततः राष्ट्रकुल खेलों में नए इतिहास का सृजन किया। जिसमें मेजबान इंग्लैंड को रोमांचक संघर्ष के बाद हराकर पहली बार हॉकी स्पर्द्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। निश्चय ही इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी उत्कृष्टता का परिचय दिया है। इन राष्ट्रमंडलीय खेलों में आस्ट्रेलिया व इंग्लैंड क्रमशः प्रथम व द्वितीय तथा भारत तृतीय स्थान पर रहा।
15-26 मार्च 2006 के दौरान आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में 18वें कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन हुआ। इस राष्ट्रमंडलीय खेल में भी भारत का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 50 पदक.जीते, जिसमें 22 स्वर्ण पदक, 17 रजत पदक व 11 कांस्य पदक जीते तथा साथ ही पदक तालिका में चौथा स्थान प्राप्त किया। इस राष्ट्रमंडलीय खेल में तहलका मचाने वाले निशानेबाज समरेश जंग को इन खेलों का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। 18वे राष्ट्रमंडल खेलों में 5 स्वर्ण पदक, 2 रजत पदक 1 कांस्य पदक जीतने वाले समरेश को राष्ट्रमंडलीय खेल महासंघ ( CGF ) के अध्यक्ष माइकल फेनेल ने यह पुरस्कार प्रदान किया। ( CGF ) के अध्यक्ष माइकल फेनेल ने मेलबर्न आयोजन को अत्यधिक सफल बताया। मेलबर्न के मेयर स्टीन ब्रेक्स ने 2010 राष्ट्रमंडलीय खेल में आयोजित होने वाले खेलो के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को ध्वज सौंपा। अक्टूबर 2010 में 19वें राष्ट्रमंडलीय खेलों का आयोजन दिल्ली में हुआ। जिसमें टेनिस और तीरंदाजी को भी शामिल किया गया। भारत के अनुरोध पर नई दिल्ली राष्ट्रमंडलीय खेलों में 15 मूल स्पर्द्धा खेल शामिल करने की स्वीकृति राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के कार्यकारी बोर्ड ने प्रदान की। इन खेलों की 15 मूल स्पर्धाओं में एथलेटिक्स, तैराकी, साइकिलिंग, जिमनास्टिक, रग्बी सेवन, स्क्वैश, भारोत्तोलन, कुश्ती, मुक्केबाजी, निशानेबाजी, हॉकी, बैडमिंटन, लान बाल्स, नेटबॉल, टेबल टेनिस शामिल किए गए। गीतकार गुलजार के चलो दिल्ली चलो और और जावेद अख्तर के अब होगा दिल्ली में धमाल गीतों के माध्यम से भारतीय कलाकारों ने 18वें राष्ट्रमंडलीय खेलों के समापन समारोह को यादगार बना दिया।

दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के शुभंकर शेरा को मिस यूनीवर्स लारा दत्ता व पूर्व मिसवर्ड प्रियंका चोपड़ा मंच पर लेकर आई। सुनील गावस्कर, पी. टी. उषा, प्रकाश पादुकोण, अंजु बॉबी जार्ज, करण सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौर आदि ने इस अवसर पर हुई विशेष परेड़ में हिस्सा लिया। ऐश्वर्या राय, रानी मुखर्जी और सैफ अली खान ने 18वें राष्ट्रमंडल खेलों के समापन समारोह को और भी अधिक रोमांचकारी बना दिया। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी इस समापन समारोह में उपस्थित हुए।
1981 तथा 1982 एशियन गेम्स के बाद दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स तीसरा किसी बडे खेल का आयोजन था। इसका इसका आरंभ और समापन समारोह दोनों दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हुए। 2010 राष्ट्रमंडलीय खेल में संगीतकार ए. आर रहमान ने एक संगीत रचा जियो उठो बढ़ो जीतो इस संगीत ने खिलाड़ियों को नया जोश और साहस दिया, जिसका परिणाम यह हुआ कि भारत 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में द्वितीय स्थान बनाने में कामयाब रहा। 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने कुल 101 पदक के साथ द्वितीय स्थान प्राप्त करते हुए सराहनीय विजय प्राप्त की। भारत को कुल 38 स्वर्ण पदक, 27 रजत पदक, 36 कांस्य पदक मिले। इसी के साथ आस्ट्रेलिया प्रथम स्थान पर रहा।
2014 राष्ट्रमण्डल खेल ग्लासगो, स्कॉटलैंड, में 23 जुलाई से 3 अगस्त 2014 के मध्य आयोजित हुआ। इस 19वे कॉमनवेल्थ गेम्स में 15 स्वर्ण 30 रजत एवं 19 कांस्य पदकों के साथ भारत ने खेलों में कुल 64 पदकों के साथ पदक तालिका में भारत पाँचवे स्थान पर रहा। 20वें राष्ट्रमंडलीय खेल गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया, में 4 अप्रैल से 15 अप्रैल 2018 के मध्य में आयोजित हुए। इसमें भारत ने 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक सहित कुल 66 पदक जीतने में कामयाबी प्राप्त की। अगले राष्ट्रमंडलीय खेल 2022 मे होने है।
राष्ट्रमंडल खेलों के रोचक तथ्य
• कॉमनवेल्थ गेम्स विश्व का तीसरा सबसे बडा खेल आयोजन है।
• 1930 में राष्ट्रमंडलीय खेलों को ब्रिटिश अम्पायर खेल के नाम से जाना जाता था।
• राष्ट्रमंडल खेल के ध्वज में तीन रंग के त्रिकोण होते है जो दो काली गोल पट्टी से घिरे होते है। उन पर एक लाइन होती हैं। जिसके ऊपर CGF ( कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ) लिखा होता है।
• 1962 में राष्ट्रमंडलीय खेलो को अम्पायर एंड कॉमनवेल्थ गेम्स नाम से नामित किया गया।
• राष्ट्रमंडलीय खेलों का आयोजन हमेशा से ब्रिटेन की महारानी द्वारा किया जाता रहा है, परंतु 16 वें राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन मेजबान मलेशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने किया।
• राष्ट्रमंडल खेल का उद्देश्य है मानवता और समानता की स्थापना तथा भाग्य की आजमाइश।
• 16 वा राष्ट्रमंडल खेल प्रथम बार एशिया में आयोजित किया गया था।
• 16 राष्ट्रमंडल खेलों का शुभंकर वीरा, 17 वें राष्ट्रमंडल खेल का शुभंकर किट और 19वें राष्ट्रमंडल खेल का शुभंकर शेरा था।
• 2010 राष्ट्रमंडलीय खेल उत्सव के आयोजन के आरम्भ को गनपथ भारत ने तैयार किया और इस आयोजन का अभिनंदन जयजयकार तमिल मिल्म निर्देशक लेखक कदमभक्कम द्वारा किया गया था।
• 2010 राष्ट्रमंडल खेलों का संगीत ए. आर. रहमान ने दिया और इसे गायक हरिहरन ने गाया जिसके बोल थे स्वागतम स्वागतम।
• राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उपस्थिति में 2010 के राष्ट्रमंडलीय खेलों का शुभारंभ और सफल समापन सम्पन्न हुआ।
• 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन ग्लासगो स्कॉटलैंड में सम्पन्न हुआ।