कुद्रेमुख नेशनल पार्क – कुद्रेमुख शिखर के दर्शनीय स्थल – कुद्रेमुख की खाने
Naeem Ahmad
कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिले में एक पर्वतमाला पर स्थित कुद्रेमुख एक खुबसूरत और छोटा सा हिल्स स्टेशन है। इस खुबसुरत हिल्स स्टेशन को ट्रेकिंग का स्वर्ग भी कहा जाता है। समुंद्र तल से लगभग 6214 फुट की ऊचांई पर बसे इस शहर की स्थापना कुद्रेमुख आयरन कंपनी ओर कंपनी लिमिटेड [ केआईओसीएल] ने की थी। यहा की लोहे की खदाने दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह आधुनिक शहर खुली जगहो और नीची इमारतो के साथ किसी अमेरिकी शहर की तरह निर्मित है। यहा का शांत वातावरण खुली व शुद्ध हवा यहा ठहरने के लिए इसे उपयुक्त स्थान बनाती है। कॉफी, चाय, खजू व इलायची के हरे भरे बागान इस स्थल को प्राकृतिक हरयाली से संजोते है। यहा पर हर साल काफी मात्रा में देशी व विदेशी पर्यटक यहा की हसीन वादियो का आनंद उठाने हर साल यहा आते है। यहा पर कई ऐसे दर्शनीय व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो भारत और कर्नाटक पर्यटन में अपना उचित स्थान रखते है
कुद्रेमुख के ठीक बाहर स्थित यह बांध “केआईओसीएल” ने अपनी खादानो से निकलने वाली वेस्ट लाल कीचड को जमा करने के लिए बनवाया था। इसमे एक स्पष्ट ओधौगिक सौंदर्य है और यह शाम को टहलने के लिए एक आदर्श स्थान है। यहा की चट्टानो पर चढने की भूल मत किजिएगा क्योकि इन पर जमा कीचड हर किसी को निगल जाता है। इनमें वे गाय भी शामिल है जो चरते समय यहा भूले भटके से आ जाती है। इसलिए बांध के पास किसी भी चट्टान पर चढना आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
कुद्रेमुख के सुंदर दृश्य
कुद्रेमुख चोटी
6250 फुट की ऊचांई पर स्थित यह चोटी एक सुंदर व्यू प्वाइंट के रूप मे जानी जाती है। मौसम साफ रहने पर यहा से अरब सागर का किनारा दिखाई देता है। जो अपने आप में एक वृहगंम दृश्य है। यह चोटी शहर के बिल्कुल सामने पडती है। यहा पर पहुचने एक लिए ट्रेकिंग करते हुए जाना पडता है।
कुद्रेमुख नेशनल पार्क
शहर से 10 किलोमीटर दूर तथा 600 किमी में फेले इस पार्क में ज्यादातर सदाबहार वर्षा वन है। यहा के जंगल अत्यंत घने और खुबसुरत होते है। यहा आपको मैकाओ, बाघ चीता सांभर तथा बाइसन आदि के आलावा कई प्रकार के वन्य जीव जन्तु और विभिन्न प्रकार के वन्य व ओषधिय पेड पौधे देखने को मिलते है। गर्मियो के मौसम के दौरान यह पर्यटको के लिए अस्थाई रूप से बंद रहता है। क्योकि इस मौसम में अक्सर यहा के जंगलो में आग लग जाती है।
जमालाबाद किला
कुद्रेमुख का जमालाबाद गांव समुद्र तल से लगभग 1788 फुट की ऊचांई पर बसा है यह गांव यहा स्थित किले के लिए प्रसिद्ध है। इस किले को नरसिंहा गुडडे के नाम से भी जाना जाता है। इस किले की सबसे बडी खासियत यह है कि यह ग्रेनाइट की चट्टानो पर बना है। इस किले का निर्माण टीपू सुल्तान ने सन 1794 में अपनी माता जमाला बी के नाम से बनवाया था। जोकि बाद में जमालाबाद के नाम से जाना जाने लगा।
यह वाटर फॉल कुद्रेमुख नेशनल पार्क के अंदर स्थित है। जोकि लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर है। इसको हनुमान गुंडी और गंगा मूला के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थल को तंगु, भद्रा, और नेत्रावती तीनो नदियो के उदगम स्थल के रूप में जाना जाता है। जंगल के बीच स्थित इस स्थान की सुंदरता पर्यटको को मंत्रमुग्ध कर देती है।
कलशा
यह एक छोटा सा शहर है जो कि कुद्रेमुख से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहा पर प्रसिद्ध पांच पवित्र तालाबो वाला तीर्थ स्थल है जोकि पंचतीर्थ के रूप में जाना जाता है। रूद्र तीर्थ, वशिष्ट तीर्थ, अंबा तीर्थ, वराह तीर्थ और नाग तीर्थ तालाब जो कि एक दूसरे से 35 किलोमीटर की दूरी पर है।
होरनाडु
होरनाडु कुद्रेमुख से 28किलोमीटर तथा साइलेंट वैली से 8 किलोमीटर की दूरी पर है। यहा पर प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा अन्नापूणेश्वरी मंदिर है जिसकी अपनी अलग मान्यता है। यहा से 4 किलोमीटर की दूरी पर एक भगवान शिव को समर्पित कालेश्वर मंदिर भी है जोकि एक पहाडी पर स्थित है। यहा से आधा किलोमीटर की दूरी पर गिरिजा अंबा मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है।. यहा पर दिपावली के बाद कालेश्वर तथा गिरिजा अंबा के बीच विवाह का आयोजन होता है जो तीन दिन तक मनाया जाता है।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग द्वारा मंगलोर हवाई अड्डा यहा का सबसे करीबी हवाई अडडा और रेलवे स्टेशन है जोकि कुद्रेमुखसे 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहा से आप बस द्वारा या टेक्सी से आसानी से पहुच सकते है। सडक मार्ग द्वारा आप राजमार्ग 48 पर सकलेशपुर से आसानी से कलशा तथा करागडा होते हुए आसानी से पहुंच सकते है।
नोट : यहा मई जून जुलाई में जाने से परहेज करे क्योकि जंगल की आग के कारण यहा कुछ स्थानो को बंद कर दिया जाता है बाकि समय आप कभी भी जा सकते है।