किन्नौर हिमाचल प्रदेश – किन्नौर का इतिहास – किन्नौर कैलाश – किन्नौर आकर्षक स्थल Naeem Ahmad, December 22, 2017March 10, 2023 किन्नौर हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। पर्यटन के इतिहिस में कभी किन्नौर और लाहुल स्पिति जैसे जनजातीय क्षेत्र आम पर्यटको की पहुंच से दूर थे। केवल साधु संन्यासी और साहसी लोग ही अपनी जान जोखिम में डालकर यहा आया जाया करते थे। किन्नौर हिमाचल प्रदेश को धरती का इंद्रलोक कहा जाता है। माना जाता है कि किन्नौर में देवताओं का निवास है और आज के किन्नौर वासी उन्ही के वंशज है। किन्नौर के इतिहास के अनुसार पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान किन्नौर में ही रहे थे। 13 दिसंबर 1991 को भारत सरकार ने एक अधिसूचना के तहत जब हिमाचल प्रदेश सरकार को किन्नौर भ्रमण के लिए परमिट जारी करने के आदेश दिए तब से किन्नौर में पर्यटन जोरो शोरों से शुरू हो गया। किन्नौर में पर्यटन स्थल विकसित होने लगे। आज के समय में प्रदेश सरकार, पर्यटन विकास निगम व पर्यटन विभाग द्वारा यहा अनेक सुविधाएं उपलब्ध है। आज साधारण पर्यटक भी इन पर्यटन स्थलो का भ्रमण कर सकता है। हालांकि ये दोनो जनजातीय जिले किन्नौर हिमाचल प्रदेश व लाहुल स्पीति भारी हिमपात की वजह से 3 से 4 महीने तक देश के अन्य भागो से कटे रहते है। फिर भी शेष महीनो में यहा भ्रमण किया जा सकता है। किन्नौर हिमाचल प्रदेश का एक जनजातीय जिला है। किन्नौर जिले का क्षेत्रफल 6401 वर्ग किलोमीटर है। यह जिला अपने मनोहारी व आकर्षक दृश्यो के लिए देशी विदेशी पर्यटको के बीच प्रसिद्ध है।किन्नौर हिमाचल प्रदेश के सुंदर दृश्यकिन्नौर हिमाचल प्रदेश के आकर्षक स्थलसांगलासांगला किन्नौर का सबसे खूबसूरतव आकर्षक पर्यटन स्थल है। समुद्र तल से सागंला की ऊंचाई 2621 मीटर है। इस स्थल को सांगला घाटी और बासपा घाटी के नाम से भी जाना जाता है। इस घाटी का सौंदर्य अद्भुत है। यहा पर बेरिंग नाग मंदिर और बौद्ध मठ भी है जो दर्शनीय है।कामरूकामरू सांगला घाटी का बेहद प्राचीन गांव है। सागंला गांव से इसकी दूरी 2 किलोमीटर है। कामरू गांव की समुद्र तल से ऊंचाई 3000 मीटर है। प्राचीन समय में कामरू किन्नौर की राजधानी हुआ करता था। इस गांव के मध्य में कामरू किला आज भी पर्यटको के आकर्षण का केंद्र है।कल्पाब्रिटिश शासन काल में कल्पा अंग्रेजो का लोकप्रिय स्थान हुआ करता था। सांगला गांव से कल्पा की दूरी लगभग 51किलोमीटर है।कल्पा की सकमुद्र तल से ऊंचाई 2900 मीटर है। यहा से आप किन्नौर कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते है।सराहनसराहन समुंद्र तल से 2440 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहा से श्रीखंड महादेव की पर्वत मालाएं बेहद आकर्षक दिखाई देती है।नाकोनाको हंगरंग घाटी का प्रमुख गांव है। नाको की समुद्र तल से ऊचाई 3662 मीटर है। यह स्थल नाको झील के लिए पर्यटको के बीच में प्रसिद्ध है। सर्दियो के मौसम में जब निको झील का पानी जम जाता है। तब इस पर आइस स्केटिगं करने का अपना ही मजा होता है। एशिया में यह अपनी तरह की अनोखी झील है।आप हिमाचल प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलो की जानकारी के लिए निचे लिंक पर जाएलाहौल स्पीति के दर्शनीय स्थलवज्रेश्वरी देवी कांगडा हिमाचल प्रदेश की यात्राधर्मशाला के पर्यटन स्थलकिन्नौर हिमाचल प्रदेश कैसे जाएंनिकटतम सडक मार्ग चंडीगढ – कालका है। यह सडक मार्ग राष्ट्रीय राज मार्ग नंबर 22 है इसे भारत तिब्बत मार्ग भी कहा जाता है। शिमला के बस अड्डे से आप किन्नौर के मुख्य स्थानो को जाने वाली बसो के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। टूर पैकेज के लिए आप हिमाचल पर्यटन विकास निगम से संपर्क भी कर सकते है।Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल भारत के हिल्स स्टेशन बासपा घाटीहिमाचल टूरिस्ट पैलेसहिमाचल पर्यटन