कालिका माता मंदिर – कालका पंचकुला हरियाणा – Kalka mata temple Naeem Ahmad, December 28, 2017February 26, 2023 श्री कालिका माता मंदिर वैसे तो श्री काली देवी का सर्वप्रसिद्ध शक्तिपीठ भारत के प्रमुख नगर कलकत्ता में स्थित है। यहा पर भगवती सती के केश (बाल) गिरे थे। यहा हम उस कालिका माता मंदिर का वर्णन कर रहे है। जो हरियाणा प्रांत के पंचकुला जिले के प्रमुख शहर कालका में स्थित है। वैसे हम आपको बता दे इस स्थान की गणना 51 शक्तिपीठो में नही है लेकिन इस स्थान के बारे में मान्यता है कि भगवती देवी सती के केशो के कुछ अंश इस स्थान पर भी गिरे थे। इस स्थान के प्रभाव और माता के चमत्कारो के कारण इसकी मान्यता भक्तो में बहुत अधिक है। कालिका माता मंदिर में माता के दर्शन एक पिण्डी के रूप में किए जाते है।कालिका माता मंदिर की कहानीएक दंत कथा के अनुसार बहुत प्राचीन काल में यहा राजा जयसिंह देव का राज्य था। जिन्होने इस मंदिर में श्री कालिका देवी की एक प्रतिमा स्थापित की थी।एक बार नवरात्रो के अवसर पर भगवती जागरण हो रहा था। राजमहल की स्त्रियां इकट्ठे होकर कालिका जु का स्तवन गान कर रही थी। बडे आनंद का समय था।तब स्वयं भगवती एक दिव्य स्त्री का वेश धारण करके उन राज महल की स्त्रियो में सम्मिलित होकर कीर्तन करने लगी। इस अवसर पर महाराजा जयसिहं देव भी उपस्थित थे। वह मां की लीला को समझ न पाए और भगवती की मधुर ध्वनि एंव दिव्य सौंदर्य देखकर मोहित हो गए।कालिका माता मंदिर के सुंदर दृश्यकीर्तन की समाप्ति पर कामातुर राजा ने देवी का हाथ पकड लिया। तब देवी ने कहा – में प्रसन्न हूँ, तू वर मांग ले, क्या चाहता है? उत्तर में राजा ने प्रणय निवेदन कर दिया, मैं आप से विवाह करना चाहता हूँ। बस फिर क्या था? कालिका देवी क्रोधित हो गई और उन्होने राजा को श्राप दे दिया कि – जिस राज्य के अभिमान से तुझे यह अहसास हुआ है उस राज्य सहित तेरा भी सर्वनाश हो जाएगा।इतना कहकर भगवती अदृश्य हो गई। और उसके बाद सर्वनाश की लीला शुरू हो गई। कालिका माता मंदिर में सिंह गर्जन होने लगा। पर्वत जमीन में धसने लगे और श्री कालिका जी की मूर्ती भी पहाड में प्रवेश करने लगी। चारो ओर हाहाकार मच गया। सभी त्राही माम त्राही माम पुकारने लगे।मंदिर के पिछले भाग में एक महात्माजी रहते थे। वह माता के परम भक्त थे नित्य श्रृद्धा भाव से पूजा अर्चना किया करते थे। उन्होने माता कालिका की विशेष पूजा आराधना करते हुए विनती कि – हे माता! हे महामाया! बस अब क्षमा करो। तब देवी की वह मूर्ती जो पहाड के अंदर प्रवेश कर रही थी पहाड के साथ वैसी ही अवस्था में रह गई। आज भी यहा देवी का केवल सिर दिखाई देता है।देवी के श्राप का फल यह हुआ की शत्रुओ ने राजा देव सिंह पर चढाई कर दी और राजा अपने दोनो पूत्रो सहित मारा गया। पूरा नगर कालिका देवी जी के श्राप के कारण नष्ट हो गया। इस स्थान पर बिल्कुल उजाड हो गया था। राज्य का कही नामोनिशान न रहा। वर्तमान में स्थित कस्बे का निर्माण उसके कई सौ वर्षो उपरांत हुआ माना जाता है।चामुण्डा देवी मंदिर कांगडामनसा देवी पंकुलाज्वाला देवी मंदिर कांगडाचिन्तपूर्णी माता मंदिर कांगडावज्रेश्वरी देवी कांगडा हिमाचल प्रदेश की यात्रावैष्णो देवी की यात्राठहरने के लिएवर्तमान समय में इस तीर्थ स्थल पर काफी विकास हुआ है। इस कालिका माता मंदिर तीर्थ पर ठहरने के लिए अनेक धर्मशालाए और होटल उपलब्ध है। जहा आप सुविधा पूर्वक आसानी से ठहर सकते। यहा होटल अत्यधिक महंगे भी नही है। आप आसानी से इन्है अफोर्ड कर सकते है।कालकाजी का मौसमयहा का मौसम भी आम पर्वतीय तलहठी के मैदानी क्षेत्रों जैसा होता है। जैसा की आप देहरादून, हरिद्वार या उन क्षेत्रो जैसा जहा से पर्वतीय क्षेत्र शुरू होता है। ऐसे क्षेत्रो मे पर्वतीय क्षेत्र के नजदीक होने के कारण पर्वतीय क्षेत्र से दूर के क्षेत्रो के मुकाबले ठंड का प्रभाव थोडा अधिक रहता है। बाकी समय में मौसम समान्य रहता है।कैसे जाएंश्री कालिका माता मंदिर जाने का मार्ग भी बहुत सरल व सुविधा जनक है। यह स्थान चंडीगढ से कुछ दूर शिमला जाने वाले मार्ग पर कालका जी स्टेशन के नाम से पडता है। इस स्थान का नाम देवी के नाम से ही पडा है यह स्थान देव भूमि का प्रवेश द्वार भी है। शिमला जाने का यह मुख्य मार्ग है। कालका जी का स्टेशन एक जंक्शंन के रूप में विख्यात है यहा तक बडी लाइन है यहा से आगे शिमला तक छोटी लाइन है। देव भूमी हिमाचल का प्रवेश द्वार होने के कारण कालका जी का रेलवे स्टेशन भारत के सभी प्रमुख स्टेशनो से जुडा है। यहा के लिए लगभग देश के सभी प्रमुख स्टेशनो से ट्रेन मिल जाती है। जिससे आप यहा आसानी व सुविधा के साथ पहुंच सकते है। सडक मार्ग द्वारा आप अंबाला, चंडीगढ होते हुए आसानी से बस या कार द्वारा भी पहुच सकते है। यदि आप हवाई मार्ग द्वारा जाना चाहते है तो चंडीगढ यहा से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। जहा से आप बस या टैक्सी द्वारा भी सुविधा पूर्वक पहुंच सकते है। Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल हरियाणा पर्यटन