कामाख्या देवी मेलाकामाख्या देवी मेला गहमर गाजीपुर उत्तर प्रदेशPost author:Naeem AhmadPost published:July 31, 2022Post category:भारत के प्रमुख त्यौहारPost comments:0 Comments गाजीपुर जिला वाराणसी के प्रभाव-क्षेत्र में आता है। बलिया, आजमगढ़ उसके समीपवर्ती जनपद है।अतः गाजीपुर की सांस्कृतिक परंपरा भी बड़ी समृद्ध है। गंगा तट पर स्थित होने के कारण यहां अनेक पौराणिक अनुष्ठान भी होते रहे हैं। विभिन्न अवसरों पर मेलो का आयोजन होता रहा है। ऐसा ही एक स्थान गाजीपुर जिले में गहमर बहुत बडा गांव है वहा कामाख्या धाम है। जहां मां कामाख्या देवी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। वहा नवरात्र के अवसर पर बहुत कामाख्या देवी मेला लगता है। जिसमे एक लाख से अधिक की भीड हो जाती है। पास-पंडोस के जनपदो के दर्शनार्थी, भक्तगण, मेला-दर्शक यहां आकर देवी का दर्शन तो करते ही है, मेले का भी आनद लेते हैं।Contents1 कामाख्या देवी मेला का महत्व2 हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—3 कामाख्या देवी मेला का महत्व श्री अजय शेखर के अनुसार “मां कामाख्या की यह मूर्ति पहले फतेहपुर सीकरी मे स्थापित थी तथा वहां उनका पूजन-आराधना होता था। रवना के ऐतिहासिक युद्ध मे राणा सांगा की जब पराजय हुई तो उनकी सेना में भगदड मच गयी। बाबर की फौज ने युद्ध मे राणा सांगा की फौज तथा उनका साथ देने वाले राजाओ, सामतो तथा सरदारो का पीछा किया। फतेहपुर सीकरी के राजा धाम सिंह जू देव जो राणा सांगा का युद्ध मे साथ दे रहे थे, उनका भी पीछा किया। राजा धाम सिंह अपने राजपुरोहित गंगेश्वर उपाध्याय तथा दीवान वीर सिंह ठाकुर के साथ देवी की मूर्ति भी साथ मे लेकर भाग निकले।Trendingसंत तुकाराम का जीवन परिचय और जन्मकामाख्या देवी मेलाउन दिनो गहमर का घना जौगल था। धामसिहं जू देव और उनके साथी इस गहमर के वन मे छुप गये। बाद मे उस पर कब्जा भी कर लिया। जनश्रुति के अनुसार भगवती ने धामसिंह जू देव को गहमर मे ही अपनी मूर्ति स्थापित करने के लिए स्थान भी निर्देशित किया। स्वप्न में निर्देशित स्थान पर धाम सिंह जू देव ने भगवती की मूर्ति की स्थापना की। तभी से उनकी पूजा तथा आराधना आरंभ हो गयी। तभी से यहां मां कामाख्या देवी मेला भी लगने लगा जो प्राय नवरात्र भर चलता है। यहां मदिर में सीधे नहीं जाया जाता, अपितु देहरी पर रुक कर मां कामाख्या का गीत गाते हुए मंदिर मे प्रवेश किया जाता है।मां कामाख्या देवी मेला में गायक, नर्तक समूह में गावो से आते है। स्त्रियां पारंपरिक गीत गाती हुई देवी के मंदिर में प्रवेश करती है। इस विन्ध्य क्षेत्र मे विन्ध्यांचल के बाद यह दूसरा बड़ा देवीधाम है। यहा गमनागमन, सदेश वाहन, आवास की सुविधाए उपलब्ध हैं। मार्ग पक्का है। गांव में बाजार भी है। इस गांव के लोग देश के कोने-कोने में नौकरी करते है। प्रबुद्ध गांव है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— ओणम पर्व की रोचक तथ्य और फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में विशु पर्व, केरल के प्रसिद्ध त्योहार की रोचक जानकारी हिन्दी में थेय्यम नृत्य फेस्टिवल की रोचक जानकारी हिन्दी में theyyam festival केरल नौका दौड़ महोत्सव - केरल बोट रेस फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में अट्टूकल पोंगल केरल में महिलाओं का प्रसिद्ध त्योहार तिरूवातिरा कली नृत्य फेस्टिवल केरल की जानकारी हिन्दी में मंडला पूजा उत्सव केरल फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में अष्टमी रोहिणी केरल का प्रमुख त्यौहार की जानकारी हिन्दी में लोहड़ी का इतिहास, लोहड़ी फेस्टिवल इनफार्मेशन इन हिन्दी दुर्गा पूजा पर निबंध - दुर्गा पूजा त्योहार के बारें में जानकारी हिन्दी में तेजाजी की कथा - प्रसिद्ध वीर तेजाजी परबतसर पशु मेला मुहर्रम क्या है और क्यो मनाते है - कर्बला की लड़ाई - मुहर्रम के ताजिया गणगौर व्रत कथा - गणगौर क्यों मनाई जाती है तथा गणगौर व्रत विधि बिहू किस राज्य का त्यौहार है - बिहू किस फसल के आने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है हजरत निजामुद्दीन दरगाह - हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह का उर्स नौरोज़ त्यौहार का मेला - नवरोज त्योहार किस धर्म का है तथा मेला फूलवालों की सैर त्यौहार कब मनाया जाता है - फूलवालों की सैर का इतिहास हिन्दी में ईद मिलादुन्नबी कब मनाया जाता है - बारह वफात क्यों मनाते है और कैसे मनाते है ईद उल फितर क्यों मनाया जाता है - ईद किस महिने के अंत में मनाई जाती है बकरीद क्यों मनाया जाता है - ईदुलजुहा का इतिहास की जानकारी इन हिन्दी बैसाखी का पर्व किस दिन मनाया जाता है - बैसाखी का त्योहार क्यों मनाया जाता है अरुंधती व्रत रखने से पराये मर्द या परायी स्त्री पाप से मुक्ति रामनवमी का महत्व - श्रीराम का जन्मदिन चैत्र रामनवमी कैसे मनाते हैं हनुमान जयंती का महत्व - हनुमान जयंती का व्रत कैसे करते है और इतिहास आसमाई व्रत कथा - आसमाई की पूजा विधि वट सावित्री व्रत की कथा - वट सावित्री की पूजा कैसे करते है गंगा दशहरा का महत्व - क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा की कथा रक्षाबंधन क्यों मनाते है - रक्षाबंधन पूजा विधि और रक्षा-बंधन की कथा नाग पंचमी कब मनायी जाती है - नाग पंचमी की पूजा विधि व्रत और कथा कजरी की नवमी कब और कैसे मनाते है - कजरी पूर्णिमा का व्रत और कथा हरछठ का व्रत कैसे करते है - हरछठ में क्या खाया जाता है - हलषष्ठी व्रत कथा हिंदी गाज बीज माता की कथा - गाज बीज माता का व्रत कैसे करते है और पूजा विधि सिद्धिविनायक व्रत कथा - सिद्धिविनायक का व्रत कैसे करते है तथा व्रत का महत्व कपर्दि विनायक व्रत - कपर्दि विनायक व्रत कैसे करते है और व्रत कथा हरतालिका तीज व्रत कथा - हरतालिका तीज का व्रत कैसे करते है तथा व्रत क्यो करते है संतान सप्तमी व्रत कथा पूजा विधि इन हिन्दी - संतान सप्तमी व्रत मे क्या खाया जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत कथा और महत्व - जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों रखा जाता है अहोई आठे व्रत कथा - अहोई अष्टमी का व्रत कैसे करते है बछ बारस पूजन कैसे करते है - बछ बारस व्रत कथा इन हिन्दी करमा पूजा कैसे की जाती है - करमा पर्व का इतिहास जइया पूजा आदिवासी जनजाति का प्रसिद्ध पर्व डोमकच नृत्य समारोह क्यों मनाया जाता है छेरता पर्व कौन मनाते हैं तथा छेरता नृत्य कैसे करते है दुर्वासा धाम मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश भैरव जी मेला महराजगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश बाबा गोविंद साहब का मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश शेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश गोरखनाथ का मेला गोरखपुर उत्तर प्रदेश तरकुलहा का मेला - तरकुलहा देवी मंदिर गोरखपुर सोहनाग परशुराम धाम मंदिर और सोहनाग का मेला 1 2 Next »संत तुकाराम का जीवन परिचय और जन्मसंत तुलसीदास का जीवन परिचय, वाणी और कहानीभक्त नरसी मेहता की कथा – नरसी मेहता की कहानीसंत हरिदास का जीवन परिचय – निरंजनीसंत सूरदास का जीवन परिचय हिंदी मेंसंत सदना जी का परिचयदयाबाई का जीवन परिचय और रचनाएंसहजोबाई का जीवन परिचय और रचनाएंमीराबाई का जीवन परिचय और कहानीबाबा धरनीदास का जीवन परिचय हिंदी में Tags: उत्तर प्रदेश के मेले, त्यौहार, मेलेRead more articles Previous Postबाबा गोविंद साहब का मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश Next Postजमदग्नि आश्रम मेला जमानियां गाजीपुर उत्तर प्रदेश Naeem Ahmad CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger You Might Also Like वट सावित्री व्रत की कथा – वट सावित्री की पूजा कैसे करते है August 14, 2021 तेजाजी की कथा – प्रसिद्ध वीर तेजाजी परबतसर पशु मेला September 23, 2019 करमा पूजा कैसे की जाती है – करमा पर्व का इतिहास July 30, 2022Leave a ReplyCommentEnter your name or username to commentEnter your email address to commentEnter your website URL (optional) Δ