कंतित शरीफ का उर्स व दरगाह मिर्जापुर उत्तर प्रदेश Naeem Ahmad, August 15, 2022March 18, 2023 साम्प्रदायिक सद्भाव, हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक उत्तर प्रदेश केमिर्जापुर जिले में विंध्याचल के समीप ओझला से पश्चिम कंतित मे ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की मजार है। जिसे कंतित शरीफ कहा जाता है। यहां पर आठ नवम्बर को प्रतिवर्ष कंतित शरीफ उर्स मेले का आयोजन किया जाता है। यह बहुत पुराना मेला है। तीन दिन के इस मेले में दो लाख से अधिक हिन्दू, मुसलमान नर-नारी, बालक-वृद्ध सभी हाजिरी दर्ज कराते है। यहां पांच बजे भोर में ही मजार पर गुसुल कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। गुसुल में गुलाब जल, केवडा, चंदन आदि मजार पर चढाया जाता है। इसके बाद पहली चादर किसी विशिष्ट व्यक्ति द्वारा चढाई जाती है जो किसी भी जाति का हो सकता है।Contents1 कंतित शरीफ का उर्स2 घोड़े शहीद बाबा का उर्स3 हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—कंतित शरीफ का उर्सकंतित शरीफ में उर्स के मौके पर मजार का दरवाजा पांच वक्त के नमाज की अवधि मे बन्द रखा जाता है, क्योकि वहां बेशुमार भीड एकत्र हो जाती है। कंतित शरीफ मजार की देखभाल मुजावर और गद्दीनशीं द्वारा की जाती है। मजार तौसी इन्तमामिया कमेटी बाहर की व्यवस्था देखती है।कंतित शरीफकंतित शरीफ का यह पवित्र स्थान गंगा के तट पर एक ऊंचे स्थान पर सुरम्य वातावरण मे स्थित है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा भक्ति से मजार पर जाकर शीश नवाता है, उसकी इच्छाएं पूरी होती है। इस मेले मे बाबा की मजार पर पहली चादर किसी हिन्दू भक्त द्वारा ही चढायी जाती है। कहते है, यह मजार अज़मेर शरीफ के ख्वाजा मोइनुद्वीन चिश्ती के भांजे ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की है जिसकी देखभाल मुजावर द्वारा किया जाता है। इस मेले मे इतनी भीड हो जाती है कि पुलिस प्रशासन के अलावा स्वयसेवी सगठनो के लोगो को भी जुटना पडता है।घोड़े शहीद बाबा का उर्सहजरत ख्वाजा अलाउलहक चिश्ती रहमत उल्लाह अलैह उर्फ घोड़े शहीद बाबा का उर्स प्रत्येक वर्ष 25 नवम्बर को मिर्जापुर मे सिविल लाइन्स के पास धूमधाम से मनाया जाता है। इस मुबारक अवसर पर गागर चादर कुल और महफिले मिलाद शरीफ और कव्वाली का भी आयोजन किया जाता है, जिसमे दूर-दराज के कव्वाल सहभाग करते है। जनाब खादिम दरगाह मुबारक ने बताया कि इस उर्स में हजारों हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई भाग लेते है। लोग यहां मनोतियां मानकर आते है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— मीरान शाह बाबा दरगाह - मीरान शाह बाबा का उर्स काशी का मेला - काशी विश्वनाथ के मेले चुनार शरीफ का उर्स दरगाह शाह कासिम सुलेमानी शिवपुर का मेला और तारकेश्वर का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश विंध्याचल नवरात्र मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश पक्का घाट का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश लोहंदी महावीर का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश कजरी तीज कब मनाते हैं - कजरी के गीत - कजरी का मेला ओझला मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश - ओझला पुल सुरियावां का मेला - भोरी महजूदा का कजरहवा मेला देवलास का मेला - देवलास धाम में उत्तर प्रदेश सेमराध नाथ का मेला - सेमराध धाम मंदिर भदोही मगहर का मेला कब लगता है - कबीर समाधि मगहर भदेश्वर नाथ मंदिर का महत्व और भदेश्वर नाथ का मेला सिकंदरपुर का मेला - कल्पा जल्पा देवी मंदिर सिकंदरपुर रसड़ा का मेला और नाथ बाबा मंदिर रसड़ा बलिया असेगा का मेला - शोकहरण महादेव मंदिर असेगा बलिया ददरी का मेला कहां लगता है और ददरी मेले का इतिहास बरहज का मेला कब लगता है और मेले का महत्व बांसी का मेला कब लगता है - बांसी मेले का इतिहास कुलकुला देवी मंदिर कहां है - कुलकुला धाम मेला दुग्धेश्वर नाथ मंदिर रूद्रपुर - दुग्धेश्वर नाथ का मेला सोहनाग परशुराम धाम मंदिर और सोहनाग का मेला लेहड़ा देवी मंदिर कहां है - लेहड़ा देवी का मेला कब लगता है बांसगांव का मेला कब लगता है - बांसगांव का इतिहास तरकुलहा का मेला - तरकुलहा देवी मंदिर गोरखपुर गोरखनाथ का मेला गोरखपुर उत्तर प्रदेश शेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश जमदग्नि आश्रम मेला जमानियां गाजीपुर उत्तर प्रदेश कामाख्या देवी मेला गहमर गाजीपुर उत्तर प्रदेश बाबा गोविंद साहब का मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश भैरव जी मेला महराजगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश दुर्वासा धाम मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश भारत के प्रमुख त्यौहार भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल उत्तर प्रदेश के त्योहारउत्तर प्रदेश के मेलेभारत की प्रमुख दरगाहमेले