You are currently viewing औरंगाबाद पर्यटन स्थल – औरंगाबाद महाराष्ट्र पर्यटन- औरंगाबाद का इतिहास
औरंगाबाद पर्यटन के सुंदर दृश्य

औरंगाबाद पर्यटन स्थल – औरंगाबाद महाराष्ट्र पर्यटन- औरंगाबाद का इतिहास

प्रिय पाठको अपनी पिछली अनेक पोस्टो में हमने महाराष्ट्र राज्य के अनेक पर्यटन स्थलो की जानकारी अपने पाठको को दी। महाराष्ट्र पर्यटन के इस क्रम में अपनी इस पोस्ट में हम महाराष्ट्र के प्रसिद्ध जिले और महानगर औरंगाबाद पर्यटन स्थल की सैर करगें और उनके बारे में वितार से जानेगें कि…..

  • औरंगाबाद पर्यटन स्थल कौन कौन से है?
  • औरंगाबाद का इतिहास क्या है?
  • औरंगाबाद कैसे पहुंचे?
  • औरंगाबाद के आस पास के दर्शनीय स्थल कौन कौन से है?
  • दक्षिण का ताज महल किसे कहते है?
  • औरंगजेब की पत्नी की कब्र कहा है?
  • औरंगजेब का मकबरा कहा है
  • एलोरा की गुफाएं कहा है और कैसे जाएं
  • अजंता की गुफाए कहा है और कैसे जाएं

आदि प्रमुख सवालो के जवाब हम अपनी इस पोस्ट में जानेगें। तो सबसे पहले हम औरंगाबाद के इतिहास के बारे में जानते है।

औरंगाबाद पर्यटन के सुंदर दृश्य
औरंगाबाद पर्यटन के सुंदर दृश्य

औरंगाबाद का इतिहास

पहाडियो से घिरे औंगाबाद शहर का अपना अलग ही ऐतिहासिक महत्व है। इसे शहर को मलिक अम्बर ने सन् 1610 में बसाया था तब इसका नाम खिडकी रखा गया था। सन् 1626 में मलिक अम्बर के पुत्र फतेहखान ने इसका फतेहपुर रख दिया। सन् 1653 में औरंगजेब ने जब दक्षिण पर विजय प्राप्त की थी तब उसने इस शहर का नाम बदल कर औरंगाबाद घोषित कर दिया था। औरंगाबाद एक साफ सुथरा शहर है यह शसर चारो ओर से दीवार से घिरा हुआ है जिसमे 52 दरवाजे लगे है। अब आगे हम औरंगाबाद पर्यटन स्थल के बारे में जानेगें और उनकी सैर करेगे

औरंगाबाद के दर्शनीय स्थल – औरंगाबाद पर्यटन स्थल

बीवी का मकबरा

यह स्थल औरंगाबाद पर्यटन स्थल का सबसे प्रसिद्ध स्थल है। आगरा के ताजमहल की हूबहू प्रतिकृति बीवी का मकबरा दक्षिण का ताजमहल कहा जाता है। यह मुगल व फारसी वास्तुकला का अदभुत नमूना है। इसका निर्माण औरंगजेब के पुत्र आजमशाह ने सन् 1678 में अपनी माता व औरंगजेब की पत्नी रजिया बेगम की याद में करवाया था। इसके आसपास सुंदर बाग बगीचे फव्वारे व तालाब है जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते है। पूनम की रात में इस मकबरे की सुंदरता देखते ही बनती है।

औरंगाबाद पर्यटन स्थल
औरंगाबाद पर्यटन स्थल

अद्भुत गुफाएं

ये अद्भुत गुफाएं बीवी के मकबरे से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन गुफाओ की मुख्य विशेषता यह है कि इन्हें पहाडो को तराशकर बनाया गया है। ये गुफाएं 1600 वर्ष पुरानी है। लोनावाला की काली गुफाओ की तरह यहा तक का रास्ता भी कठीन पहाडी का है। अजंता एलोरा के सामने ये गुफाएं फिकी ही लगती है।

पनचक्की

इस पनचक्की का निर्माण मलिक अम्बर ने सन् 1645 में करवाया था। यह औरंगाबाद के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के एकदम निकट है। यह चक्की आज भी चालू हालत में है जिसे देखकर पर्यटक दंग रह जाते है।

सिद्धार्थ उद्यान

यह उद्यान जिसे मिनी अप्पूघर भी कहा जाता है स्थानीय बस स्टैंड के समीप ही स्थित है। यहा के हरे भरे बगीचे, झूले, भूल भुलैया, संगीतमय फव्वारा, मिनी ट्रेन और अप्पू हाथी बच्चो और बडो को खुब लुभाते है। यहा एक सर्पालय भी है जिसमे आप 1200 से भी अधिक सांपो की प्रजातियो को देख सकते है।

विश्वविद्यालय संग्रहालय

इस संग्रहालय में आप पुरातात्विक महत्व की दुर्लभ वस्तुओ के दर्शन कर सकते है। यहा पर 17 वी व 18वी शताब्दी की अरबी भाषाओ की पांडुलिपिया भी दर्शनीय है।

हिमायत बाग

शहर के उत्तर में स्थित हिमायत बाग पिकनीक के लिए उत्तम स्थान है। इसे पर्यटको के लिए दिन भर खुला रखा जाता है।

माता श्री कौशल्या पुरवार संग्रहालय

यह अनूठा संग्रहालय डा° शांतिलाल पुरवार ने अपने निजी भवन में बनाया है। इसमे देश की ऐतिहासिक व सास्कृतिक धरोहर के रूप में नायाब व दुर्लभ वस्तुए संग्रहीत करके प्रदर्शित की गई है। यहा पर कुछ वस्तुए ऐसी भी है जो देश के किसी भी संग्रहालय में नही है।

आर्ट गैलरी

कलाप्रेमियो के लिए यह आर्ट गैलरी रामा इंटरनेशनल होटल में बनाई गई है। यहा कलाकार अपनी कलाकृतियो को नि:शुल्क प्रदर्शित कर सकते है। यह होटल जलाना रोड पर स्थित है।

औरंगाबाद के आस पास के दर्शनीय स्थल

दौलताबाद का किला

यह किला औरंगाबाद से 14 किलोमीटर की दूरी पर 600 फुट की उचांई पर बना है। यह किला यादव शासको का मुख्य गढ माना जाता था। दिल्ली के सुल्तान मुहम्द बिन तुगलक ने 14वी शताब्दी में इसे अपनी राजधानी बनाकर दौलताबाद नाम दिया था जिसका अर्थ है समृद्धि का नगर।

खुलदाबाद

खुलदाबाद दौलताबाद से 10 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा सा गांव है। यहा जैनुद्दीन शैराजी का मकबरा है। जिसमे औरंगजेब की मजार है। इसके अलावा यहा प्रसिद्ध हनुमान मंदिर “भद्र मारूती” भी है। जिसकी विशेषता यह है कि यहा हनुमान की प्रतिमा कमर के बल लेटी अवस्था में है।

म्हैसमाल

यह औरंगाबाद का निकटतम हिल स्टेशन है। खुलदाबाद से यह 12 किलोमीटर दूर है। यहा का रास्ता अत्यंत दुर्लभ व पथरीला है। यहा वर्ष भर ठंडक रहती है। पर्यटक यहा सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोहारी दृश्य देखने के लिए आते है। पर्यटको की सुविधा के लिए यहा एक गेस्ट हाउस भी है।

पैठण

औरंगाबाद से लगभग 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पैठण को संतो की भूमि कहा जाता है। एक समय था जब पैठण रोम से व्यापार किया करता था। यहा विश्व प्रसिद्ध पैठणी साडी का निर्माण होता है। जिसका मूल्य हजारो से लेकर लाखो रूपयो तक होता है। यहा का जानेश्वर उद्यान मैसूर के वृंदावन गार्डन की याद दिलाता है।

मुंबई के पर्यटन स्थल

खंडाला और लोनावाला के दर्शनीय स्थल

एलोरा की गुफाएं

एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। ये गुफाएं अपने भव्य शिल्प व स्थापत्य कला के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहा की गुफाएं बौद्ध, जैन धर्म की संस्कृतियो के दर्शन मूर्तिकला के माध्यम से कराती है। चट्टानो को काटकर बनाई गई ये गुफाएं संख्या में 34 है जिनमे 16 हिंदू, 13 बौद्ध, तथा 5 जैन धर्म की है। अजंता की गुफाएं जहा कलात्मक भित्तियो के लिए प्रसिद्ध है वही एलोरा की गुफाएं मूर्तिकला के लिए विख्यात है।

औरंगाबाद पर्यटन स्थल
औरंगाबाद पर्यटन स्थल

घृष्णेश्वर मंदिर

देश के 12 ज्योर्तिलिंगो मे से एक यह मंदिर एलोरा गुफाओ के समीप ही स्थित है। इसका निर्माण 10वी शताब्दी में राजा कृष्णदेव राय ने कराया था। इस स्थल की अपनी अलग ही धार्मिक महत्ता है।

अजंता की गुफाएं

सदियो तक अंधकार की गर्त में छिपी रही ये अनूठी गुफाएं औरंगाबाद से 99 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन गुफाओ की खोज का श्रेय ब्रिटिश फौजी अफसर जॉन स्मिथ को जाता है जिसने इनकी खोज सन् 1819 में की थी। पर्वतो को तराशकर बनाई गई इन 30 गुफाओ में भित्तिचित्र और कलात्मक मूर्तिया पर्यटको को मंत्र मुग्ध कर देते है कहा जाता है कि इन गुफाओ का निर्माण दूसरी शताब्दी में किया गया था। अजंता की गुफाएं दो प्रकार की है। एक चैत्य और दूसरी स्तूप। गुप्तकाल में गुफा की दीवारो पर की गई चित्रकारी भारतीय चित्रकला की गौरवशाली पूंजी है। यहा पर अधिकांश चित्र बौद्ध धर्म से संबंधित है। अजंता गुफाओ के बौद्ध धर्म से संबंधित होने के कारण जापान सरकार ने अनुदान देकर औरंगाबाद से अजंता तक बढिया सडक का निर्माण करवाया है जिस पर खाने पीने के लिए उत्तम रेस्टोरेंट और ढाबो की उत्तम व्यवस्था है। पर्यटको के लिए ये गुफाएं सुबह 9 बजे से शाम साढे पांच बजे तक खुली रहती है।

पीतलखोरा गुफाएं

ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी से ईसा पश्चात पहली शताब्दी के दौरान निर्माण की गई 13 बौद्ध गुफाएं एकांत घाटी के किनारो पर एलोरा के उत्तर प्श्चिम क्षेत्र से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यही कुछ दूरी पर गौताला अभ्यारण्य भी है जहा आप विभिन्न जंगली जानवरो को करीब से देख सकते है। औरंगाबाद पर्यटन स्थल की सैर पर आने वाले अधिकतर सैलानी यहा आना पसंद करते है।

औरंगाबाद कैसे जाएं

वायु मार्ग द्वारा

औरंगाबाद के लिए दिल्ली, मुंबई, जयपुर तथा उदयपुर से इंडियन एयरलाइंस व जेट एयरवेज की सीधी उडाने है। यहा का हवाई अड्डा शहर से 10 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग द्वारा

औरंगाबाद के लिए हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई, पुणे, अमृतसर से सीधी रेल सेवाएं उपलब्ध है।

सडक मार्ग द्वारा

औरंगाबाद के लिए जलगांव, मुंबई, पुणे, महाबलेश्वर, नागपुर, कोल्हापुर, इंदौर, सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद, शोलापुर, शिरडी, नांदेड, बडौदा, गोवा आदि प्मुख स्थानो से सरकारी व प्राईवेट बस सेवाएं उपलब्ध रहती है।

हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—

नागपुर के दर्शनीय स्थल
नागपुर जो ओरेंज सिटी के नाम से प्रसिद्ध है, महाराष्ट्र राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। देश के भौगोलिक केंद्र
दौलताबाद का किला
दौलताबाद यह स्थान महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद के निकट है। पहले इसे देवगिरि के नाम से जाना जाता था। दौलताबाद एक
अगा खान पैलेस कल्याणी नगर
कल्याणी नगर पूणे महाराष्ट्र में नर्मदा नदी के दक्षिण में है। यह नगर एक ऐतिहासिक नगर है। समुंद्री किनारे पर होने
कन्हेरी गुफाएं
कन्हेरी गुफाएं यह स्थान महाराष्ट्र राज्य में मुंबई के निकट बोरीवली से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कन्हेरी की
एलिफेंटा की गुफाएं
ऐलीफेंटा महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई के निकट अरब सागर में एक छोटा सा टापू है। यह टापू यहां स्थित एलिफेंटा
पंचगनी पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य
पंचगनी महाबलेश्वर से 18 किमी की दूरी पर, और सातारा से 48 किमी की दूरी पर स्थित है। पंचगनी को
सातारा पर्यटन स्थलों सुंदर दृश्य
सातारा, पंचगनी से 48 किमी की दूरी पर, महाबलेश्वर से 54 किमी, पुणे से 129 किमी कि दूरी पर स्थित
अलीबाग पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य
लोनावाला से 75 किमी की दूरी पर, मुंबई से 102 किमी, पुणे से 143 किमी, महाबलेश्वर से 170 किमी और
रत्नागिरी पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य
महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई से 350 किमी दूर, रत्नागिरी एक बंदरगाह शहर है, और महाराष्ट्र के दक्षिण पश्चिम भाग
नासिक जिले के दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य
भारत के महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई से 182 किमी दूर , नासिक एक धार्मिक शहर है, जो भारत के
अहमदनगर जिले के पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य
अहमदनगर भारतीय राज्य महाराष्ट्र में एक जिला है। और अहमदनगर शहर जिले का मुख्यालय भी है। यह सिना नदी के
अमरावती पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य
अमरावती महाराष्ट्र का ऐतिहासिक रूप से समृद्ध जिला है। मध्य भारत में दक्कन पठार पर स्थित, इस जिले ने ब्रिटिश
सांगली पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य
सांगली महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर और जिला मुख्यालय है। सांगली को भारत की हल्दी राजधानी भी कहा जाता
गोंदिया पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य
गोंदिया महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख जिला, और प्रसिद्ध शहर है। यह जिला महाराष्ट्र राज्य की अंतिम सीमा पर छत्तीसगढ़
सोलापुर पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य
सोलापुर महाराष्ट्र के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित है और राजधानी मुंबई शहर से लगभग 450 किमी की दूरी पर स्थित
कोहलापुर पर्यटन स्थलो के सुंदर दृश्य
कोल्हापुर शानदार मंदिरों की भूमि और महाराष्ट्र का धार्मिक गौरव है। सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं की शांत तलहटी में स्थित कोहलापुर
राजगढ़ का किला के सुंदर दृश्य
पुणे से 54 किमी की दूरी पर राजगढ़ का किला महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित एक प्राचीन पहाड़ी किला
पुणे के दर्शनीय स्थल के सुंदर दृश्य
प्रिय पाठको हमने अपनी महाराष्ट्र यात्रा के अंतर्गत अपने पिछले कुछ लेखो में महाराष्ट्र के अनेक प्रमुख पर्यटन स्थलो के
घुश्मेश्वर नाथ धाम के सुंदर दृश्य
शिवपुराण में वर्णित है कि भूतभावन भगवान शंकर प्राणियो के कल्याण के लिए तीर्थ स्थानो में लिंग रूप में वास
मुंबई के पर्यटन स्थल
प्रिय पाठको हम अपनी महाराष्ट्र टूरिस्ट यात्रा के दौरान महाराष्ट्र राज्य के कई प्रमुख पर्यटन स्थलो की सैर की ओर
माथेरन के सुंदर दृश्य
प्रिय पाठको पिछली पोस्ट में हमने महाराष्ट्र के खुबसूरत हिल्स स्टेशन महाबलेश्वर की सैर की थी और उसके दर्शनीय स्थलो
महाबलेश्वर के सुंदर दृश्य
महाराष्ट्र राज्य के प्रमुख हिल्स स्टेशन में महत्तवपूर्ण स्थान रखने वाला महाबलेश्वर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है।
कामशेत पैराग्लाइडिंग
प्रिय पाठको पिछली पोस्ट मे हम ने महाराष्ट्र के प्रसिद्ध हिल्स स्टेशन खंडाला और लोनावाला की सैर की थी और
खंडाला और लोनावाला के सुंदर दृश्य
खंडाला - लोनावाला मुम्बई - पूणे राजमार्ग के मोरघाट पर स्थित खुबसूरत पर्वतीय स्थल है। मुम्बई से पूना जाते समय
भीमशंकर ज्योतिर्लिंग
भारत देश मे अनेक मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। लेकिन उनमे 12 ज्योतिर्लिंग का महत्व ज्यादा है। माना जाता

Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

Leave a Reply