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ओझला पुल

ओझला मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश – ओझला पुल

ओझला पुण्यजला का बिगड़ा हुआ रूप है। यह एक नाला है जो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर नगर से पश्चिम विंध्याचल से एक किमी, पूर्व स्थित है। इसका जलस्त्रोत विंध्य की पहाडियां है। यही पर इसकी धारा गंगा जी में उत्तर वाहिनी होकर विलीन हो जाती है। गंगा जी मे मिलने के कारण इसका नाम पुण्यजला हो गया है।

इसके बारे में कहा गया है कि जैसे सब यज्ञों मे अश्वमेघ, पर्वतो मे हिमालय व्रतों मे सत्य, दानों मे अभयदान उत्तम है, उसी प्रकार तीर्थों मे पुण्यजला सर्वश्रेष्ठ है। इसके संगम-स्थल पर बावन भगवान का मंदिर तथा विंध्याचल की त्रिकोश-यात्रा के महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती के अतिरिक्त पास ही में भैरवनाथ के तीर्थ तथा मंदिर है।

ओझला पुल
ओझला पुल

ओझला में भाद्रपद शुक्ल द्वाद्वशी को तथा कजरी के अवसर पर अर्थात भाद्रपद की कृष्ण प्रतिपदा को भी मेला लगता है। कजरी पर तो स्त्रियों का विशेष मेला लगता है। उल्लेखनीय है कि बावन
द्वाद्शी को बावन भगवान का अवतार हुआ था, राजा बलि को दण्ड देने के लिए उन्होने बावन वेश में प्रकट होकर तीन डग मे त्रैलोक्य नाप कर राजा बलि के पद को नष्ट कर दिया था। यहां उनके नाम का एक कुण्ड भी है, जिसका जल अनेक रोगों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है।

ओझला का मेला

ओझला में ही नदी से पश्चिम बावन घाट की बावली है। इस कुण्ड मे श्रावण शुक्लपक्ष की पंचमी (नागपंचमी) को स्नान करने से अच्छे पुण्य की प्राप्ति होती है । ओझला से पूरब में नागेश्वर नाथ का मंदिर नागवंशियो द्वारा स्थापित बताया जाता है। इसी के पास में उत्तर की ओर दानइया का दुर्ग कच्ची ईंटो का बना है, जिसका अधिकाश भाग गंगा मे विलीन हो चुका है। इसी के पास मे कंतित का उर्स मेला लगता हैं।

कहने का तात्पर्य यह कि यह स्थान प्रकृति के सुरम्य वातावरण मे स्थित है जो धार्मिक, सांस्कृतिक पौराणिक और सामाजिक, हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां नौकायन की प्रतियोगिता तथा कजरी दंगल का आयोजन किया जाता रहा है।

ओझला पुल का निर्माणमिर्जापुर के एक व्यवसायी ने रूई के एक दिन के मुनाफे से कराया था। इस पुल में अनेक तहखाने हैं। पत्थर से निर्मित यह पुल बहुत मजबूत है। यह पिकनिक स्पॉट
भी है। गण्डेविया साहब कलेक्टर के समय मे यहां कमिश्नरी स्तर के कजरी-दंगल का आयोजन अंग्रेजों के जमाने में किया गया था। पुल के ऊपर से गोताखोर ओझला में गोते लगाते है। जब गंगा की धारा के कारण नाले का जल-स्तर बढ जाता है। मेले के अवसर पर इस पुल को सजाया जाता है।

ओझला का मेला बड़ा भव्य होता है, ओझला मेले में दूर दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, ओझला मेला खरीदारी के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है, खरीदारी के लिए इस अवसर पर यहां बहुत सी दुकानें लगती है, मेले में मनोरंजन के भरपूर साधन होते हैं।

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Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

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