एलिफेंटा की गुफाएं किसने बनवाई और कहां स्थित है Naeem Ahmad, May 25, 2023 ऐलीफेंटा महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई के निकट अरब सागर में एक छोटा सा टापू है। यह टापू यहां स्थित एलिफेंटा की गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है। यद्यपि इस टापू पर अभी भी लोग ज्यादा संख्या में नहीं रहते और यह मुख्य रूप से पर्वतीय तथा निर्जन वन क्षेत्र ही है, फिर भी इस टापू पर मानव जाति के छठी शताब्दी ई० में ही पहुँच जाने के अकाट्य प्रमाण मिल गए थे। पहाड़ी में उस काल की कुछ गुफाएँ पाई गई हैं, जो देवी-देवताओं की शिला प्रतिमाओं से भरी हुई हैं। यह तो निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि कला के क्षेत्र में इस अकूत संपदा एलिफेंटा की गुफाएं किसने बनवाई थी, परंतु यह निश्चित है कि इन गुफाओं का शिल्प कौशल एक लंबी परंपरा का परिणाम है, जो देश में इन के निर्माण से 4000 वर्ष पहले से चली आ रही थी। यह क्षेत्र गुप्त काल के शिल्पियों का हस्त कौशल और कालीदास जैसे सांस्कृतिक कवि की चेतनता को हृदयंगम कर चुका था। निश्चय ही इन दोनों के मेल से ऐलीफेंटा गुफाओं का जन्म हुआ। जो भी हो, यह निर्विवाद है कि शाही संरक्षण के बिना इनका निर्माण नहीं हो सकता था और तत्कालीन हिंदू राजाओं ने इस नवसूर्जन को पूरा प्रोत्साहन दिया। इन गुफाओं में शिव और उनसे संबंधित प्रतिमाएँ अधिक होने से लगता है कि एलिफेंटा गुफाओं का निर्माण उस समय हुआ होगा, जब इस क्षेत्र में शैव धर्म का प्रचार जोरों पर था और जब इसे राजशाही सर्मथन भी मिल रहा होगा। Contents1 एलिफेंटा की गुफाएं1.1 एलिफेंटा गुफाओं पर कैसे पहुंचें2 हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- एलिफेंटा की गुफाएं इन प्रतिमाओं से दैवी शक्ति, प्रेम, आध्यांत्मिक शांति जैसे भाव स्पष्ट दिखाई देते हैं। मुख्य गुफा के बाहरी हिस्से में स्तंभों पर टिका 30 फुट चौड़ा एक बरामदा है, जिसमें हाथी की प्रतिमाएँ हैं। गुफा की दीवारों से उभरे स्तंभ दीवारों के पास खड़े द्वारपाल के रूप में बनाए गए हैं। इन गुफाओं में त्रिमूर्ति, नटराज,अर्धनारीश्वर, शिव-पार्वती, शिव की जटाओं से बहती हुई गंगा तथा शिव का योगीश्वर रूप दिखाया गया है। एक प्रतिमा में शिव को अंधका दैत्य को मारते हुए उग्र रूप में दिखाया गया है। अन्य प्रतिमाओं में शिव-पार्वती के विवाह की प्रतिमा, कैलाश पर्वत को उठाने का प्रयास करते हुए रावण की प्रतिमा तथा अन्य देवी-देवताओं की छोटी-छोटी प्रतिमाएँ हैं। एलिफेंटा की गुफाएं इस प्रकार शिव के विभिन्न रूपों को अपने में समेटी एलिफेंटा की गुफाएँ उन दिनों के लोगों की हिंदू धर्म के महादेव शिव के प्रति आस्था को सुदृढ़ रूप में प्रकट करती हैं। यह स्थान हिंदुओं के लिए ही नहीं, बल्कि कला के क्षेत्र में देश-विदेश के हर धर्म के लोगों के लिए आकर्षक और रोमांचक है और इस स्थान का पर्यटन अपने आप में एक नई अनुभूति छोड़ता है। सोलहवीं शताब्दी में पुर्तगालियों ने इनमें से बहुत सी प्रतिमाओं को नष्ट कर दिया था, परंतु ये आज भी उस काल के लोगों के हस्त कौशल, भाव प्रवणता, विष्य की गहरी जानकारी और धर्म के प्रति आस्था तथा लगन को पूरी तरह प्रकट करने में सक्षम हैं। एलिफेंटा गुफाओं पर कैसे पहुंचें ऐलीफेंटा गुफा जाने के लिए मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया से छोटी-छोटी नावें मिलती हैं, जो वहाँ एक घंटे में पहुँचा देती हैं। इन्हें देखकर तीन बजे तक मुंबई वापस भी आया जा सकता है। पहाड़ी पर गुफाओं के पास ही ऐमटीडीसी का टूरिस्ट लॉज है। गुफा के पास खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था है और कलात्मक वस्तुओं की दुकानें हैं। पोलैराइड कैमरे से फोटो खींचने वाले अनेक फोटोग्राफर तथा गाइड भी मिल जाते हैं। यहाँ वर्ष भर 18° से° से 33°से के मध्य तापमान रहने के कारण वर्ष भर सामान्य मौसम रहता है और यहाँ कभी भी जाया जा सकता है। महाराष्ट्र पर्यटन विभाग यहां फरवरी में रात्रिकालीन शास्त्रीय संगीत, गीत तथा नृत्य महोत्सव आयोजित करता है। मुंबई में भारत सरकार के पर्यटन कार्यालय, 123 महर्षि कर्वे रोड, चर्च गेट, वी टी स्टेशन, छत्रपति शिवाजी एवं सांताक्रुज हवाई अड्डों पर हैं। महाराष्ट्र राज्य का पर्यटक सूचना केंद्र ऐल आई सी बिल्डिंग के सामने मैडम भीकाजी कामा रोड पर तथा ऐमटीडीसी का कार्यालय एक्सप्रैस टावर, नौवी मंजिल, नरीमन प्वाइंट एवं दादर (पश्चिम) में प्रीतम होटल के सामने है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- नागपुर का इतिहास और टॉप 10 दर्शनीय स्थल नागपुर जो ओरेंज सिटी के नाम से प्रसिद्ध है, महाराष्ट्र राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। देश के भौगोलिक केंद्र दौलताबाद का किला – दौलताबाद का इतिहास दौलताबाद यह स्थान महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद के निकट है। पहले इसे देवगिरि के नाम से जाना जाता था। दौलताबाद एक कल्याणी नगर का इतिहास और अगा खान पैलेस कल्याणी नगर पूणे महाराष्ट्र में नर्मदा नदी के दक्षिण में है। यह नगर एक ऐतिहासिक नगर है। समुंद्री किनारे पर होने कन्हेरी गुफाएं क्यों प्रसिद्ध है तथा कितनी है कन्हेरी गुफाएं यह स्थान महाराष्ट्र राज्य में मुंबई के निकट बोरीवली से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कन्हेरी की पंचगनी हिल स्टेशन – पंचगनी टॉप पर्यटन स्थल इन हिन्दी पंचगनी महाबलेश्वर से 18 किमी की दूरी पर, और सातारा से 48 किमी की दूरी पर स्थित है। पंचगनी को सातारा पर्यटन स्थल – सातारा के टॉप 8 दर्शनीय स्थल सातारा, पंचगनी से 48 किमी की दूरी पर, महाबलेश्वर से 54 किमी, पुणे से 129 किमी कि दूरी पर स्थित अलीबाग पर्यटन स्थल – अलीबाग समुद्र तट – Alibaug top 15 tourist place लोनावाला से 75 किमी की दूरी पर, मुंबई से 102 किमी, पुणे से 143 किमी, महाबलेश्वर से 170 किमी और रत्नागिरी पर्यटन स्थल – रत्नागिरी के टॉप 15 दर्शनीय स्थल महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई से 350 किमी दूर, रत्नागिरी एक बंदरगाह शहर है, और महाराष्ट्र के दक्षिण पश्चिम भाग नासिक के दर्शनीय स्थल – नासिक के टॉप 20 पर्यटन स्थल भारत के महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई से 182 किमी दूर , नासिक एक धार्मिक शहर है, जो भारत के अहमदनगर पर्यटन स्थल – अहमदनगर के टॉप 10 दर्शनीय स्थल अहमदनगर भारतीय राज्य महाराष्ट्र में एक जिला है। और अहमदनगर शहर जिले का मुख्यालय भी है। यह सिना नदी के अमरावती पर्यटन स्थल – अमरावती के टॉप दर्शनीय स्थल अमरावती महाराष्ट्र का ऐतिहासिक रूप से समृद्ध जिला है। मध्य भारत में दक्कन पठार पर स्थित, इस जिले ने ब्रिटिश सांगली का इतिहास और सांगली पर्यटन स्थलों की जानकारी हिन्दी में सांगली महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर और जिला मुख्यालय है। सांगली को भारत की हल्दी राजधानी भी कहा जाता गोंदिया का इतिहास – गोंदिया के पर्यटन स्थलों की जानकारी गोंदिया महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख जिला, और प्रसिद्ध शहर है। यह जिला महाराष्ट्र राज्य की अंतिम सीमा पर छत्तीसगढ़ सोलापुर पर्यटन स्थल – सोलापुर के टॉप 6 दर्शनीय,ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल सोलापुर महाराष्ट्र के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित है और राजधानी मुंबई शहर से लगभग 450 किमी की दूरी पर स्थित कोहलापुर पर्यटन – कोहलापुर दर्शन – कोहलापुर टॉप 10 टूरिस्ट पैलेस कोल्हापुर शानदार मंदिरों की भूमि और महाराष्ट्र का धार्मिक गौरव है। सह्याद्री 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