एक्सरे का आविष्कार किसने किया – एक्सरे का आविष्कार कैसे हुआ
Alvi
एक्सरे मशीन द्वारा चंद मिंनटो मे ही शरीर की हड्डियो की टूट फूट या दूसरे किसी रोग का चित्रण हमारे सामने आ जाता है। उस समय हम यह सोच भी नहीं पाते कि शरीर के अदर झाकने वाले चिकित्सा-विज्ञान के इस अभिन्न अंग एक्सरे का आविष्कार किसने किया व एक्सरे का आविष्कार किस प्रकार किया था। एक्सरे का आविष्कार चिकित्सा विज्ञान मे एक क्रांति के रूप मे हुआ। एक्सरे की खोज कहानी किसी अन्य वैज्ञानिक आविष्कार से कम रोचक नही है।
एक्सरे का आविष्कार कब हुआ था
एक्सरे आविष्कार का प्रारम्भ सन् 1895 ई के दिसम्बर महीने मे हुआ। इन किरणों का आविष्कार जर्मनी के एक पचास वर्षीय वैज्ञानिक विलहम कॉनरैड रॉटजन ने किया था। उन्होने इस आविष्कार का प्रदर्शन वार्जवार्ग के भौतिक और चिकित्सा-विज्ञान के कुछ वैज्ञानिकों के सामने किया।
विल्हेम रॉटजन का जन्म जर्मनी में पुसिया केलेनय नामक स्थान पर सन् 1845 में हुआ था। उनके पिता एक कृषक थे। उनकी मां डच महिला थी। रॉटजन की प्रारम्भिक शिक्षा हालैंड तथा उच्च शिक्षा स्विट्जरलेंड के ज्यूरिख विश्वविद्यालय मे हुई। जूरिख विश्वविद्यालय में उन्हें डाक्टरेट की उपाधि से विभूषित किया गया। अब वे वार्जवार्ग वापस आ गए थे। उन्होंने कई विश्वविद्यालयों मे अध्यापन कार्य किया। 1885 ई में उनकी नियुक्ति वार्जवार्ग विश्वविद्यालय मे भौतिक शास्त्र के अध्यापक पद पर की गई।
एक्सरे का आविष्कार
इन्ही दिनो एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक सर विलियम क्रक्स माइकल फैराडे के गैसो मे विद्युत विसर्जन के प्रयोगो मे और अधिक सुधार लाने के प्रयत्न कर रहे थे। फैराडे तरल तथा ठोस पदार्थों और गैस जैसी प्रत्येक चीज पर विद्युत के प्रभावों का प्रयोग कर चुके थे। अब वे वायु शून्य पात्र मे विद्युत का प्रभाव देखना चाहते थे,लेकिन वायु शून्य करने के लिए कोई अच्छा पात्र न मिल सकने के कारण उनके प्रयोग अधूरे रह गए।
क्रक्स ने कांच की एक नली लेकर उसमे दो तार प्रविष्ट कराए तथा पम्प द्वारा वायु शून्य कर दिया। उन्होने दोनों तारो के बीच उच्च विभवातर की विद्युत-धारा लगाई। इससे नली के अदर लगे तार के ऋणात्मक छोर से एक प्रकार की किरणे निकली। इन्हे कैथोड किरणों का नाम दिया गया। नली के अदर बनी एक छोटी सी चरखी को कैथोड किरणों द्वारा घुमाया जा सकता था तथा एक चुंबक द्वारा इनकी दिशा मेंपरिवर्तन लाया जा सकता था।
यह उपकरण ‘क्रक्स की ट्यूब के नाम से प्रसिद्ध है। कैथोड किरण कांच पर पड़ने पर एक हरे रंग की रोशनी उत्पन्न करती थी इस फ्लोरसत्स ने कहा है। क्रक्स द्वारा बनाए गए इसी उपकरण का आज हम आधुनिक दूरदर्शन यंत्र (टीवी) में लगाए जाने वाले छवि ट्यूब (पिक्चर ट्यूब) के रूप में देखते है।
प्रोफेसर रॉटजन अपनी प्रयोगशाला में क्रक्स द्वारा निर्मित इस टयूब पर कुछ प्रयाग कर रह थे। उन्होंने टयूब को एक अंधेरे कमरे में चालू किया। उन्होंने देखा कि दस टयूब के किनारे से कुछ ऐसे विकिरण निकल रहे है, जो बॉरियम प्लेटिनट लगे कागज पर पडता है। तो फ्लोरसत्स पैदा करता है। इन विकिरणों का उन्हे उस समय कुछ ज्ञान न था इसलिए इनका नाम एक्स किरण रख दिया। एक्स का अर्थ अज्ञात होता है। प्रयोगों के दौरान उन्हें इन किरणों के कुछ विशेष गुण दिखाई दिए। उन्होंने देखा कि ये किरण कागज शीशा रबड़ तथा अन्य अनेक धातुओ की पतली चादरों को भेद सकती है। उन्होंने फोटो फिल्म वाले कागज से अपना से अपना हाथ लपेटा तथा उसे सामने रखकर मशीन चला दी। बाद मे फिल्म को डेवलप करने पर चित्र में अपने हाथ की हडिडयो की तस्वीर दिखाई दी। इस तरह उन्होंने दुनिया की सबसे पहली एक्सरे मशीन का आविष्कार किया।
एक्स किरणों के आविष्कारक रॉटजन और उनके दो अन्य साथी जिन्होंने इसे विकसित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, इनके घातक प्रभाव से बडी दयनीय स्थिति मे उनकी मृत्यु हुई। रॉटजन के अलावा इनमें एक गाइडा हाल्जक्नस्ट आर डॉ काइजर थे, जो
जीवनदायी किरणों के घातक प्रभाव से मौत के शिकार हुए।
एक्स-किरणों से केवल शरीर की हड्डियों के चित्र लेने का काम ही नहीं लिया जाता, बल्कि कई रोगों जैसे कैंसर का इलाज भी इनसे होता है। इसके अलावा हवाई जहाज के इंजन बाल बयरिंग रबर के टायर तथा रेडियो वाल्वो के निर्माण में भी एक्स-किरणों का प्रयोग किया जाता है। अपराधियों द्वारा शरीर के किसी हिस्से मे छुपायी गयी मूल्यवान धातु या हीरे-माती का पता भी एक्सरे द्वारा चल जाता है।
एक्स-किरण ट्यूब के आंतरिक भाग में कैथोड का आकार इस अवतल दर्पण के समान होता हैं। इससे इलेक्ट्रान बीम चोटीदार (conical) हो जाती हैं और उसका शिखर प्लेटिनम प्रति कैथोड पर प्रहार करता है। इस प्रकार एक्स-किरण की उत्पत्ति होती
है। ये किरण सभी दिशाओं में कांच के आरपार होती हुई सरल रेखा मे संचरण करती है। एक्स-किरण के मध्य किसी वस्तु को रखने पर उस वस्तु का छाया-चित्र उस प्रतिदिप्त पर्दे पर बन जाता है। और इस प्रकार एक्सरे का आविष्कार हुआ।