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उरई का किला और माहिल तालाब

उरई का किला किसने बनवाया – माहिल तालाब का इतिहास इन हिन्दी

उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद मे स्थित उरई नगर अति प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। यह झाँसीकानपुर मार्ग पर स्थित है। कानपुर से यह 109 किलोमीटर की दूरी पर और झाँसी से 114 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस नगर में दक्षिणी किनारे की एक पहाडी पर नई बस्ती स्थित है। इसके अतिरिक्त यहाँ अनेक प्राचीन सरोवर और नहरे है। प्राचीन किंवदंतियों के अनुसार यह नगर ऋषि उदलक के शिष्य महर्षि धूमि की तपोभूमि थी। यह तान्त्रिको का भी स्थान रहा है। वर्तमान समय में इसे उरई के नाम से जाना जाता है। इस शहर में एक पुराने दुर्ग के खंड़हर देखने को मिलते है। जिसे उरई का किला के नाम से पुकारा जाता है।

उरई का किला हिस्ट्री इन हिन्दी – उरई किले का इतिहास

यह किला ईटों से निर्मित था और इसके चारो ओर परिकोटा था। उरई दुर्ग के समीप ही अनेक मुस्लिम सैनिकों के मकबरे बने हुए है। इसी दुर्ग के समीप कानपुर झाँसी मार्ग के दक्षिणी कोने पर एक तालाब है। इसका निर्माण 12 वीं शताब्दी में तदयुगीन उरई नरेश माहिल ने करवाया था। उसी समय से यह तालाब माहिल तालाब के नाम से जाना जाता है। इस तालाब में पूरे वर्ष पानी रहता है, तथा यही पर एक खण्डेश्वरी महादेव मन्दिर है जिसमें विशाल भगवान हनुमान की प्रतिमा है। कहा जाता है कि उरई नरेश माहिल आल्हा-ऊदल के युग में कुशल कूटनीतिज्ञ थे और वे आल्हा-ऊदल के मामा थे। माहिल ने उरई में शासन किया और इसे अपनी राजधानी बनाया। यहाँ पर अमई नामक एक बहादुर भी हुआ है जिसे उसकी वीरता के लिये उसे सदैव याद किया जाता है।

उरई का किला और माहिल तालाब
उरई का किला और माहिल तालाब

उरई में एक सुप्रसिद्ध मन्दिर प्रयागदास का मन्दिर हैं। इस मन्दिर में भगवान राम और हनुमान की प्रतिमाये है, तथा प्रत्येक मंगलवार को यहाँ मेला लगता है। तथा माहिल के तालाब में प्रत्येक सावन माह में माहिल तालाब के किनारे कजलियों के अवसर पर यहाँ मेला लगता है। ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वीराज चौहान ने सावन के पूर्णमासी के दिन यहाँ आक्रमण किया था। उस समय यहाँ एक विशाल युद्ध हुआ था। उसके कारण उस दिन रक्षा बन्धन का त्योहार नहीं मनाया गया था। उसके एक दिन बाद यह त्योहार मनाया गया हिन्दू धर्म स्थलो के अतिरिक्त यहाँ दो इस्लामिक धार्मिक स्थल भी है ये धर्म स्थल जामा मस्जिद और ईदगाह मस्जिद के नाम से विख्यात है।

यहाँ निम्नलिखित स्थल दर्शनीय है।
1. दुर्ग अवशेष
2. माहिल का तालाब
3. बाबा प्रयागदास का मन्दिर
4. खंडेश्वरी का मंदिर

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Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

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