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इंका सभ्यता के खंडहर

इंका सभ्यता का विनाश किसने किया – इंका सभ्यता की अंतिम राजधानी कहा थी

अमेरिकाकी इंका सभ्यता तथा स्पेन के लुटेरे अन्येषको के संघर्ष का इतिहास खून और तलवार से लिखा गया इतिहास है। पराजित होने के बाद भी इंका सम्राट ने 36 वर्ष तक स्पेनियों से प्रतिरोध युद्ध किया था। अपनी पुरानी राजधानी छोड़ कर इंका सम्राट विलकाबाम्बा नामक घाटी मे बने हुए शहर मे छिप गया तथा यही से उसने अपनी आजादी की लड़ाई का संचालन किया।

रहस्य का बिंदु यह है कि इंका सभ्यता की यह विलकाबाम्बा नामक राजधानी कहा थी ? स्पेनियो ने इस राजधानी को भी अंततः जीत लिया था लेकिन उनका इतिहास भी इसका अता पता नहीं बताता। विलकाबाम्बा की खोज करने के चक्कर मे अब तक कई पुरातात्विक खोजे अनजाने में ही हो चुकी हैं। क्या माच्चू पिच्चू के शिखरों पर मिले नगर के खण्डहर ही विलकाबाम्बा है या इस्पिरित पाम्पा के खण्डहरो को ही इस रहस्य का उत्तर मान लेना चाहिए?

इंका सभ्यता का इतिहास

अमेरिका की महान इंका सभ्यता की राजधानी कौन-सी थी, जिसे स्पेनी आक्रमणकारियों से बचाने के लिए इंका सम्राट ने शरण-स्थल के रूप में प्रयोग किया था? आधुनिक पुरातत्वशास्त्री तथा इतिहास के विद्वान अभी तक इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर नहीं प्राप्त कर पाए हैं। एण्डीज पर्वत मालाओं के घने जंगलों में फले हुए इस रहस्य के पीछे लूटमार ओर युद्ध की एक भीषण दास्तान छिपी हुई है।

सन्‌ 1527 के करीब दक्षिणी अमेरिका का शक्तिशाली इंका (Inca Empir) साम्राज्य आपसी झगड़ों के कारण बहुत कमजोर पड़ चुका था। बाहर से आने वाले यूरोपियन स्पेनी कारक्विस्टाडार (Conquistador) जो एक तरह के यूरोपियन अन्वेषक विजेता थे, अपने साथ तलवार ओर आग के साथ-साथ विचित्र-विचित्र महामारियां भी लाए थे। ऐसी ही एक महामारी मे इंका साम्राज्य के बादशाह हुयाना केपक इंका (Huyana Capac Inca) तथा उसके उत्तराधिकारी की मृत्यु हो गई। फलस्वरूप मृत बादशाह के दोनों पुत्रों में साम्राज्य पर कब्ज के लिए खीच-तान होने लगी। ऐसे विकट राजनीतिक संकट की परिस्थिति में स्पेन के कांक्विस्टाडार फ्रांसिस्को पिजारो (Conquistador Francisco Pizarro) ने 80 सिपाहियों के साथ पेरू के तट पर अपने जहाज़ों के साथ लंगर डाला। इन गोरे रग की दाढ़ी वाले स्पेनियो को इंका आदिवासियों ने देवताओं का प्रतिनिधि समझा लेकिन इतिहास बताता है कि ये स्पेनी इंका साम्राज्य के लिए सचमुच राक्षसों के प्रतिनिधि साबित हुए।

हमारे इस लेख में हम निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर जानेंगे

  • इंका सभ्यता का खजाना कहा छुपा है?
  • इंका सभ्यता की विशेषताएं क्या थी?
  • इंका सभ्यता का पतन कैसे हुआ?
  • इंका सभ्यता का रहस्य जो अब तक अनसुलझा है क्या है?
  • इंका सभ्यता इन हिन्दी?
  • इंका सभ्यता का इतिहास इन हिन्दी?
  • इंका सभ्यता का विनाश किस प्रकार हुआ?
  • इंका सभ्यता कहां की सभ्यता है?
  • इंका सभ्यता का धार्मिक जीवन कैसा था?
  • इंका सभ्यता के लोग कौनसी फसल उगाते थे?
  • इंका लोग कौन कौन सी फसल खाते थे?
  • इंका लोगों की कृषि व्यवस्था का वर्णन?
  • इंका सम्राज्य का शासक कौन था?
  • इंका सम्राज्य के दुश्मन कौन थे?
  • इंका सम्राज्य के लोगों का युद्ध किनके साथ हुआ?
  • Inca Empir information in Hindi?

सन् 1532 में पिंजरा और इसके सिपाहियों ने इंकाओ की आपसी फूट का लाभ उठाते हुए मृत सम्राट के एक पुत्र अताहआल्पा (Atahualpa) को अपनी बंदूकों तथा घोड़ों की मदद से गिरफ्तार कर लिया और इंका सेना देखती रह गई। अताहआल्पा ने पिंजरा से एक सौदा किया कि वह स्पेनियो को उस कमरे की आठ फुट ऊंचाई के बराबर होना तथा हीरे जवाहरात भर कर देगा जिसमें उसे कैद कर रखा गया था। तथा एक कमरा 16 फुट ऊंचाई तक चांदी से भरकर दिया जाएगा बशर्ते उसे रिहा कर दिया जाएं। इंका राजकुमार ने अपना वादा पूरा किया लेकिन पिंजारा ने सारा खजाना लेकर भी उसकी हत्या कर डाली। पिंजारा ने चालाकी से काम लेते हुए हुआस्कार (Huascar) के भाई मांको (Manco) को इंका सम्राज्य का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।

इंका सभ्यता के खंडहर
इंका सभ्यता के खंडहर

लेकिन आगामी दो वर्षों में ही मांको और स्पेनिया के संबंध खराब हो गये। इंका लोग भी समझ गये थे कि सफेद चमड़ी वाले ये लोग देवता न होकर सोने चांदी के लुटेरे ही है। स्पेनिया ने मांको के प्रतिद्वंद्वियों की मदद से इंका का शाही खजाना न महल का सारा हीरे जवाहरात लूट लिए। पिंजारा के भाईयों जुआन (Juan) तथा गोंजालो (Gonzalo) ने इंका सम्राट का बार बार अपमान किया तथा इंका के नए नए खजानों का पता बताने का दबाव डाला। घबरा मांको ने अपनी राजधानी छोड़कर भागने की कोशिश की लेकिन मांको को चालाक स्पेनिया ने गिरफ्तार करके कैद कर लिया।

अपनी असफलता और अपमान से सबक सीखकर मांको ने भी शतरंज की चाल खेलने का फेसला किया और अप्रेल, सन्‌ 1536 में पिजारा के तीसरे भाई हेरनाडो (Hernando) से इजाजत मांगी कि वह अपने प्राचीन देवताओं की पूजा करने के लिए यूके (Yucay) घाटी जाना चाहता है और वहा से वह उपहार में स्पेनियो के लिए मृत इंका सम्राट हुयान केपका का आदमकद सोने का बुत भी लाएगा। लालच में आकर हेरनाडो ने मांको को अनुमति दे दी। यद्यपि हेरनाडो के साथी तथा मांको के इंका प्रतिद्वंद्वी इसके पक्ष मे नहीं थे।

स्पेनियों के कब्जे से निकलते ही मांको ने 100000 की सेना इकट्ठी करके विदेशियों के खिलाफ युद्ध छेड दिया, जो सन्‌ 1536 से 1572 तक 36 वर्ष तक चला। इस लडाई में इंका व स्पेनियो के बीच हार -जीत का क्रम चलता रहा। बार-बार के स्पेनी हमलों से तंग आकर मांको ने एक ऐसी राजधानी की तलाश का बीड़ा उठाया जो पूर्ण रूप से सुरक्षित समझी जा सकती थी। युवा सेनापति रोड़िगों आर्गोनज (Rodrigo Orgonez) के नेतत्व में इंका फौज को हराने के बाद भी विट्कोस (Vitcos) शहर को लूटने के लालच मे स्पेनी मांको को जीवित न पकड़ सके। इस बीच मिले समय का लाभ उठाकर मांको की अव्यवस्थित सेनाए बिल्काबाम्बा (Vilcabamba) घाटी की शरण में छिप गई। वही से इंकाओ ने स्पेनियो के खिलाफ छापामार युद्ध प्रारम्भ कर दिया।

सन् 1541 को मांको को खबर मिली कि फ्रांस्सिको पिंजारा की उसी के साथी स्पेनिया ने होने के बंटवारे के ऊपर हुई लड़ाई में हत्या कर दी है। मांको ने पिंजारा के बचे हुए हत्यारों को अपने मित्र के रूप में स्वागत किया। इन स्पेनियो ने इंकाओ को घोड़े पर चढ़ना और उसे जमीन के आधुनिक हथियार चलाने सिखाए, लेकिन जैसे ही इन स्पेनियो को पता चला कि स्पेन से एक नया वायसराय इंकाओ पर शासन करने हेतु भेजा गया है। जो पिंजारा के भाईयों से खुश नहीं थे उन्होंने मांको की घात लगाकर हत्या कर दी, व भागने की कोशिश में पकड़ लिए गये और क्रोधित इंकाओ ने कुछ गद्दारों को तुरंत मार दिया और कुछ को आग में जला दिया गया।

मांको के बाद इंका सम्राज्य की बागडोर उसके पुत्र सायंरी टुपाक (Saynri Tupac) ने संभाली। टुपाक की मृत्यु के बाद दूसरा पुत्र टीटू कूसी (Titu Cusi) सिंहासन पर बैठा। कूसी की बीमारी से मृत्यु हुई। जिसके बाद उसका भाई टुपाक अमारू (Tupac Amaru) गद्दी पर बैठा। जिसने अंत तक स्पेनियो के खिलाफ प्रतिरोध संघर्ष चलाया। 24 जून सन् 1572 में जब विल्काबाम्बा के दरवाजे को तोड़कर स्पेनियो ने इंकाओ के विद्रोही शहर में कदम रखा तो पाया कि इंका सम्राट अपनी राजधानी को सूना छोड़कर फरार हो चुका है। लेकिन अमारू को एक भेदिये की सूचना के आधार पर अमेजन के घने जंगलों से गिरफ्तार इंडियाना की भारी भीड़ के सामने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।

इस पूरी कहानी का बचा हुआ रहस्य यह है कि विल्काबाम्बा नामक जगह, जो इंकाओ का अंतिम शरण स्थल था कहा है? स्पेनी उपनिवेशों के पुराने मानचित्रों में इस स्थान का उल्लेख नहीं किया गया है। इस रहस्य की शक्ल उस समय और भी दिलचस्प हो गई, जब पता चला कि इंका सम्राट ने अपना खजाना यही गाड़ा था।

सन् 1909 में युवा अमेरिकी विद्वान हिरम बिंघम (Hiram Bingham) ने अपने दल के साथ इंका शासकों के आखरी शरण स्थल की खोज में चक्यूक्विराऊ (Choqquequirau) के खंडहरों की दुर्गम यात्रा की। इन खंडहरों को देखकर बिघंम को विश्वास हो गया कि वे विल्काबाम्बा के अवशेष नहीं हो सकते। क्योंकि वे खंडहर 16वी शताब्दी के लेखकों द्वारा इंका की अंतिम राजधानी के वर्णन से मिलते जुलते नहीं थे। सन् 1911 में बिंघम ने एक बार फिर अपनी खोज प्रारंभ की। इस बार उसने वह रास्ता पकड़ा जो इंका राजा मांको ने पिंजरा को धोखा देने के लिए अपनाया था। बिंघम का दल उरूबाम्मा घाटी (Urubamba canyon) पर पहुंचा और वहां से मल्कर अर्टीगा (Melchor Arteaga) नामक स्थानीय गाइड की मदद से उसने माच्चू पिच्चू का 2000 फुट ऊपर बना हुआ एक ऐसा खंडहर खोज निकाला जो इंकाओ के प्रस्तर शिल्प का अद्भुत नमूना था। बिंघम ने माच्चू पिच्चू की खूबसूरती की तारीफ में बहुत कुछ लिखा, लेकिन वह यह नहीं समझ पाया कि क्या माच्चू पिच्चू ही इंका सभ्यता की अंतिम राजधानी थी। बाद में बिंघम ने यह निष्कर्ष निकाला कि माच्चू पिच्चू का निर्माण 15वी शताब्दी के महानतम इंका शासक पाचाकुती इंका (Pachacuti Inca) ने करवाया था। प्रारंभ में इसे फौज की रिहायश के लिए प्रयोग किया गया होगा, तथा बाद में सूर्य देवता की कुंवारी दासियों को जो इंका की धार्मिक परंपराओं का प्रमुख अंग होती थी, के अभ्यारण्य के रूप प्रयुक्त किया गया होगा।

सन्‌ 1915 में बिंघम ने इस इलाके की पुन छानबीन की और इस बार उसे इस्पिरितु पाम्पा (Espiritu Pampa) अर्थात्‌ ‘आत्माओं की धरती’ के खंडहर खोजने मे सफलता मिली। इस खण्डहर पर भी इंकाओ की अंतिम राजधानी होने का संदेह किया जाता है।

सन्‌ 1964 में पेरु (Peru) के उत्तर मे कुछ किसानो के एक दल ने ग्रैन पजातेन (Gran Pejaten) नामक शहर के खंडहर खोज निकाले। समुद्र से 9,500 फुट पर मिलने वाले इन खंडहरों मे महल ओर मंदिरों के अवशेष शामिल हैं। इनका स्थापत्य अद्भुत है। हवाई सर्वेक्षण से पता चला है कि इस तरह के 3 हजार खंडहर एण्डीज पर्वत मालाओं की सात पहाड़ियों में बिखरे हुए हैं। ये खंडहर आपस मे एक ऐसी सड़क से जुडे हुए है जो कही-कही चार गज तक चौडी है।

सन्‌ 1964-65 मे ही एक अन्य अमेरिकन गेने सेवॉय (Gene Sevyo) ने बिंघम द्वारा खोजें गए इंस्पिरितु पाम्पा का अध्ययन किया और दावा किया कि ये खंडहर ही विल्काबाम्बा के खंडहर है। सेवॉय का ख्याल था कि पाम्पा मे पाए गए फव्वारे पाइप तथा नालियों पुराने इंका नगर कुज्को (Cuzco) जैसे ही हैं। सेवॉय
ने वहा से इस तरह के तमाम अवशेष खोज निकाले, जो इंका परम्पराओं और कला-कौशल के द्योतक थे। सेवॉय ने इस खंडहर से एक ऐसी घोड़े की नाल भी खोजी जो स्पेनियो के घोड़ों की टापो में लगाई जाती थी।

सेवॉय का दावा उस समय संदिग्ध हो गया जब उसी के गाइडों ने एक वर्ग मील क्षेत्रफ़ल का एक ओर इंका कालीन खण्डहर खोज निकाला। इस खंडहर की वास्तुकला पर स्पेनी प्रभाव साफ तौर पर दृष्टिगोचर होता है। इस खण्डहर को वहा के आदिवासी हातुन विल्काबाम्बा (Hatun Vilcabamba) कहते है।

लेकिन अभी इस नई खोज के प्रभावों को ठीक से सिद्ध भी नही किया गया था कि पेरू का एक सेन्य दल अपूरिमाक (Apurimac) तथा उरूबाम्बा नदियों के बीच रहने वाले आदिवासियों द्वारा आगे बढ़ने से रोक दिया गया क्योंकि वे आदिवासी अपने आपको इंका साम्राज्य का उत्तराधिकारी मानते थे तथा वहा मौजूद अभी तक अछूते खंडहरों की रक्षा का प्रण किए हुए थे। आज भी इंकाओ के अंतिम शरणस्थल की खोज जारी है। नए-नए खण्डहरो के अवशेषों से पुरातत्वशास्त्री यह अनुमान लगाने की कोशिश कर रहे है कि अंतिम इंका सम्राट ने अपना खजाना कहा गाढ़ा होगा?

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Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

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