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असेगा का मेला

असेगा का मेला – शोकहरण महादेव मंदिर असेगा बलिया

असेगा एक स्थान का नाम है जोबलिया जिले के सुखपुरा थानान्तर्गत पड़ता है। असेगा में शिवरात्रि के अवसर पर सात दिन का मेला लगता है, किन्तु शिवरात्रि के दिन लाखो की भीड उमड पडती है। असेगा में भगवान शिव का बडा और पुराना मंदिर है। असेगा में स्थापित महादेव को ‘शोकहरण महादेव” कहकर पुकारा जाता है। यहां रूद्राभिषेक होता है। श्रद्धालु बेलपत्र, अक्षत, जल चढाकर पूजा करते है।

शोकहरण नाथ मंदिर का महत्व

असेगा का मेला
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असेगा में स्थित शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि इस क्षेत्र में सुरथ नाम के एक राजा हुआ करतें थे। वह अपने पुत्र के कर्मो से हमेशा शोकाकुल रहते थे। जिसके समाधान हेतु राजा सुरथ मेघा ऋषि के पास गए। मेघा ऋषि ने राजा को भगवान शिव की तपस्या करने का उपाय सुझाया। राजा सुरथ ने वर्षों तक भगवान शिव की तपस्या की। राजा सुरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने लिंग के रूप में राजा सुरथ को दर्शन दिए। राजा सुरथ प्रकट शिवलिंग को वहां स्थानांतरित कर असेगा मे ले आया और यहां स्थापित कर नित्य उसकी पूजा अर्चना करने लगा। धीरे धीरे राजा के सभी दुख व कष्ट दूर हो गये। शोकाकुल राजा कष्ट दूर होते ही प्रसन्न रहने लगा। इसी के इस शिवलिंग का नाम शोकहरण नाथ पड़ गया। कालांतर में शोकहरण नाथ मंदिर पर भक्त अपने दुखों और कष्टों के निवारण हेतु बड़ी संख्या में आते हैं।

असेगा का मेला

शोकहरण नाथ मंदिर पर शिवरात्रि पर भव्य असेगा का मेला लगता है। बड़ी संख्या में कांवड़िए गंगा से गंगा जल लाकर असेगा में शोकहरण नाथ महादेव पर चढ़ाते हैं। कसेगा के मेले मे आने-जाने के लिए यातायात के साधन सुलभ है। आवासीय सुविधा नगर मे है। शोकहरण नाथ के मेले में शिल्प, कला की वस्तुए क्रय-विकय के लिए आती हैं। मनोरजन के, नृत्य-सगीत, गायन के आयोजन किये जाते है। यदा-कदा चैता, होली का वृहद्‌ आयोजन किया जाता है।

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Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

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