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अरूणाचल प्रदेश पर्यटन के सुंदर दृश्य

अरूणाचल प्रदेश का इतिहास – अरूणाचल प्रदेश के दर्शनीय स्थल

अरूणाचल प्रदेश पूर्णतया पहाडी क्षेत्र है। इन पहाड़ियों का ढलान असम के मैदानी भाग की ओर है। पूर्व मे इसे नेफा(नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर ऐजेंसी)के नाम से जाना जाता था। इसके पश्चिम, उत्तर-पूर्व और पूर्व मैं क्रमशः भूटान, तिब्बत, चीन, और म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं है।

अरूणाचल प्रदेश की सीमा नागालैंड और असम से भी मिलती हैं। कामेंग, सुबनसिरी, सिआंग, लोहित और तिरप नदियाँ इस प्रदेश की पहाड़ियों को अलग अलग घाटियों मैं विभक्त करती है। अरूणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर है। जोकि प्रदेश का सबसे बडा शहर भी है।

अरूणाचल प्रदेश का इतिहास

अरूणाचल प्रदेश पर्यटन के सुंदर दृश्य
अरूणाचल प्रदेश पर्यटन के सुंदर दृश्य

अरूणाचल प्रदेश का कोई प्रामाणिक इतिहास उपलब्ध नही है। अलबत्ता इस पर्वतीय क्षेत्र में बिखरे अनेक ऐतिहासिक खण्डहरों से पुरातत्व वेदों ने जो अनुमान लगाएं है। वो इन्हें ईस्वी सम्वत के प्रारम्भ का मानते है।

प्रदेश का आधुनिक इतिहास 24 फरवरी 1826 को संपन्न हुई, यंडाबू संधि के बाद असम में ब्रिटिश शासन लागू होने से शुरू होता हैं।

सन् 1962 से पूर्व इस प्रदेश को नेफा ( नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी) के नाम से जाना जाता था, जोकि संवैधानिक रूप से असम प्रदेश का ही हिस्सा था।

क्षेत्र के अपने सामरिक महत्व के चलते सन् 1972 मे इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया, और इसका नामकरण अरूणाचल प्रदेश किया गया।

इसके पश्चात 20 फरवरी सन् 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया। इसी के साथ यह भारतीय संघ का 24वां राज्य बन गया।

अरूणाचल प्रदेश के लोगों के जीवन यापन का मुख्य आधार कृषि है। यहाँ की अर्थ व्यवस्था मुख्यतः झूम खेती पर आधारित है। अब नकदी फसलो, जैसे आलू और बागवानी की फसलें सेब, संतरे और अन्नानास आदि को भी बढावा दिया जा रहा है।

अरूणाचल प्रदेश उत्तर पूर्व राज्यों को(सेवन सिस्टर्स)के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्त भूमि पर शांत और घने जंगल, सफेद बर्फ से ढकी चोटियां, आदिवासी संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के मनोहारी दृश्य देखने को मिलते है। अरूणाचल की मुख्य भाषाएं मोनपा, मिजो, अका एवं शेरदुकपेन, निशी, अपतानी और अदी है।

अरूणाचल प्रदेश पर्यटन के सुंदर दृश्य
अरूणाचल प्रदेश पर्यटन के सुंदर दृश्य

अरूणाचल प्रदेश के दर्शनीय स्थल

इटानगरयह अरूणाचल प्रदेश की मनमोहक राजधानी का नाम है, यहा 14वी और 15वी सदी मे बने इटा किलो को देखा जा सकता हैबौद्ध मंदिर-पहाड़ी पर स्थित पीली छत वाले मंदिर से इटानगर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। यह मंदिर तिब्बती कला पर आधारित है। जोकि विशेष रूप से दर्शनीय है।जवाहरलाल नेहरु संग्रहालययहा इटा किले के भग्नावशेष, जेवर, कला-कृतिया एवं अरूणाचल की जन- जातियों की वेशभूषा प्रदर्शित है।गंगा झीललगभग 6 किलोमीटर मे फैली झील साथ ही पोलो पार्क और चिडियाघर वनस्पति उद्यान एवं छोटा चिडियाघर यहा पर्यटकों को आकर्षित करता है।हस्त कला केंद्रआप यहा शाल, गलीचे, सुंदर बांस और बेंत की आकर्षक एवं मजबूत वस्तुएं खरीद सकते है।तवांग17 वी शताब्दी मे मेरा लामा द्वारा स्थापित नगर, बर्फ से ढकी चोटियों के मध्य 11000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। बौद्ध तीर्थ स्थल तवांग, उर्गेल्लिंग एवं तवांग बौद्ध मठो के लिए प्रसिद्ध है।अलौंगरामा कृष्ण आश्रम, आदिवासियों के मंदिर, झरने, मालिनी थान के भग्नावशेष के लिए प्रसिद्ध है।रोइंगयह भिस्मक नगर के नाम से भी जाना जाता है। यहा मंदिर एवं किले के भग्नावशेष देखने योग्य हैं।बोम्डिलायह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य, बौद्ध मठ, हस्तकलाएं, संग्रहालय रूपा एवं धिरंग घाटियों के प्रवेशद्वार के रूप मे जाना जाता है।परशुराम कुण्डयह हिन्दू तीर्थ स्थल, और झील के लिए प्रसिद्ध है।पासीघाटयह स्थान अपने प्राकृतिक सौंदर्य और ऐडवेंचर स्पोर्टस के लिए जाना जाता है।विजयनगरयह स्थान बौद्ध केंद्र के भग्नावशेष के लिए जाना जाता है।जीरोइस स्थान का असीम प्राकृतिक सौंदर्य और आदिवासी संस्कृति पर्यटको को आकर्षित करती है। इसके अलावा अरूणाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलो मे दिरांग, लीकाबली, तेजू, मियांगो, दापोरिजो, नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान एवं खोंसा आदि भी काफी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।

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अरूणाचल प्रदेश के त्योहार

अरूणाचल मे अलग अलग जन जातियों द्वारा मनाये जाने वाले अलग अलग त्योहार मे पशु की बलि चढाने की प्रथा का साम्य है। यहां के प्रमुख त्यौहार मे मोपिन, सोलुंग, लोस्सार, द्री, सी-दोन्याई, रेह, और न्योखुम प्रसिद्ध त्योहार है

Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

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